आलोचकों का आरोप है कि उन्होंने संवेदनहीन बयान देकर रेप सर्वाइवर पर ही दोषारोपण किया है। यह घटना ओडिशा राज्य की उस लड़की के साथ हुई, जो इधर अपना करियर बनाने आई थी। आलोचकों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह संवेदनहीन और दखियानूसी (पुरानी सोच वाली) टिप्पणी न दें, और यदि वह लड़की को सुरक्षा देने की क्षमता नहीं रखतीं, तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। एक वक्ता ने व्यंग्य में कहा कि उन्हें तालिबान की तरह फतवा जारी कर देना चाहिए कि कोई लड़की घर से न निकले, ताकि घटनाएँ न घटें। आलोचकों ने इसे टीएमसी की दखियानूसी मानसिकता और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास बताया है। उनका कहना है कि इस शर्मनाक घटना को मुख्यमंत्री को अपने बयान से उचित ठहराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, बल्कि पीड़िता को जल्द न्याय दिलाना चाहिए।
आलोचकों का आरोप है कि उन्होंने संवेदनहीन बयान देकर रेप सर्वाइवर पर ही दोषारोपण किया है। यह घटना ओडिशा राज्य की उस लड़की के साथ हुई, जो इधर अपना करियर बनाने आई थी। आलोचकों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह संवेदनहीन और दखियानूसी (पुरानी सोच वाली) टिप्पणी न दें, और यदि वह लड़की को सुरक्षा देने की क्षमता नहीं रखतीं, तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। एक वक्ता ने व्यंग्य में कहा कि उन्हें तालिबान की तरह फतवा जारी कर देना चाहिए कि कोई लड़की घर से न निकले, ताकि घटनाएँ न घटें। आलोचकों ने इसे टीएमसी की दखियानूसी मानसिकता और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास बताया है। उनका कहना है कि इस शर्मनाक घटना को मुख्यमंत्री को अपने बयान से उचित ठहराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, बल्कि पीड़िता को जल्द न्याय दिलाना चाहिए।