Madhya Pradesh News: पहली बार मध्य प्रदेश में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाते हुए बंदियों को रिहा किया गया है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के निर्देशन पर, पूरे प्रदेश की जेलों से कुल 32 आजीवन कारावास के बंदियों को रिहा किया गया है। उनकी रिहाई उनके अच्छे आचरण और सजा अवधि पूर्ण होने के कारण की गई है। इन 32 बंदियों में नौ (9) बंदी जनजातीय समुदाय से संबंधित हैं।
मुख्यमंत्री (सीएम) के निर्देशानुसार, अब आजीवन कारावास वाले बंदियों की रिहाई साल में दो बार की जगह पांच बार होगी, ताकि जो बंदी अपनी सजा पूर्ण कर चुके हैं, वे जल्दी से जल्दी अपने परिवार के बीच पहुंच सकें। अब हर साल 15 नवंबर को भी बंदियों की रिहाई की जाएगी। केंद्रीय जेल इंदौर से रिहा हुए दो बंदियों ने, जो धारा 302 (हत्या) के तहत सजा काट रहे थे, जेल में बहुत अच्छा आचरण बनाए रखा। इन दोनों बंदियों ने जेल में काम सीखा और जो काम किया, उसकी पारिश्रमिक की राशि के रूप में ये ₹68,000 अपने घर लेकर जा रहे हैं।
Madhya Pradesh News: पहली बार मध्य प्रदेश में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाते हुए बंदियों को रिहा किया गया है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के निर्देशन पर, पूरे प्रदेश की जेलों से कुल 32 आजीवन कारावास के बंदियों को रिहा किया गया है। उनकी रिहाई उनके अच्छे आचरण और सजा अवधि पूर्ण होने के कारण की गई है। इन 32 बंदियों में नौ (9) बंदी जनजातीय समुदाय से संबंधित हैं।
मुख्यमंत्री (सीएम) के निर्देशानुसार, अब आजीवन कारावास वाले बंदियों की रिहाई साल में दो बार की जगह पांच बार होगी, ताकि जो बंदी अपनी सजा पूर्ण कर चुके हैं, वे जल्दी से जल्दी अपने परिवार के बीच पहुंच सकें। अब हर साल 15 नवंबर को भी बंदियों की रिहाई की जाएगी। केंद्रीय जेल इंदौर से रिहा हुए दो बंदियों ने, जो धारा 302 (हत्या) के तहत सजा काट रहे थे, जेल में बहुत अच्छा आचरण बनाए रखा। इन दोनों बंदियों ने जेल में काम सीखा और जो काम किया, उसकी पारिश्रमिक की राशि के रूप में ये ₹68,000 अपने घर लेकर जा रहे हैं।