कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के एग्जिट पोल सामने आ गए हैं, जिसमें यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते से बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है। एक तरफ जहां बीजेपी नेता एग्जिट पोल से खुश हैं, वहीं समाजवादी पार्टी के नेता भला बुरा कहने से नहीं चूक रहे हैं।
इसी कड़ी में एग्जिट पोल पर टिप्पणी करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें इन सब पर भरोसा नहीं है। इन्हें पैसा कौन देता है? वहीं अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत को विश्वगुरु बनने का सपना दिखाया गया और आज क्या हो रहा है, नागरिक किस तरह की स्थिति में आ रहे हैं? मैं विदेशी मीडिया को भी बुलाना चाहता था कि मिल्कीपुर में क्या हुआ, जाति के आधार पर अफसरों की नियुक्ति की गई है।
इसलिए मैंने कहा कि अगर मुझे सफेद कपड़ा मिल जाता तो मैं चुनाव आयोग पर डाल देता। हमने 500 से ज्यादा शिकायतें कीं। अफसर हमारे लोगों को पीट रहे हैं। हमारे पास इसका सबूत भी है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग मर चुका है, मैंने और समाजवादी पार्टी ने कल सुबह से 500 शिकायतें की हैं।’ अखिलेश यादव के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है।
गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने अखिलेश यादव के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘उन्हें और लकड़ी लानी चाहिए थी…उन्हें पंडित लाना चाहिए था। आज इतिहास का सबसे काला दिन है। जब वे जीते तो कफन नहीं लाए। राजनीति बद से बदतर हो गई है।’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘यह अभद्र भाषा है। अखिलेश यादव जीतते हैं तो चुनाव आयोग ठीक है। जब वे लोकसभा चुनाव जीते थे तब भी यही चुनाव आयोग था। अगर बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग करके चुनाव जीतना है तो चुनाव आयोग जरूर कार्रवाई करेगा।’
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, ‘संसद सत्र शुरू होते ही समाजवादी पार्टी ने सारी मर्यादाएं तोड़ दीं और स्पीकर के सामने चुनाव आयोग के लिए कफन पेश कर दिया। भारत की संसदीय कार्यवाही में ऐसा कुकृत्य अब तक कभी नहीं हुआ।
पात्रा ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और इसे मृत घोषित करना और इसके लिए कफन पेश करना लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा मांग करती है कि अन्य विपक्षी दलों का रुख स्पष्ट होना चाहिए और समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को संसद में इस कुकृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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मिल्कीपुर उपचुनाव पर अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जनता का उन पर से विश्वास उठ गया है और जब वे ऐसी चीजें देखते हैं तो बेबुनियाद आरोप लगाते हैं। 6 महीने पहले इसी चुनाव आयोग की खूब तारीफ हो रही थी और अब अचानक उसकी मौत हो गई है। क्या जनता पागल हो गई है? यही उनकी राजनीति है।