लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश के पुराने जीर्ण शीर्ण माध्यमिक विद्यालयों (Secondary Schools) का कायाकल्प करेगी। सरकार की इस योजना का लाभ निजी विद्यालयों को भी मिलेगा। योजना के तहत विद्यालयों के कायाकल्प में 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से दी जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत राशि प्रबंध तंत्र को खर्च करनी होगी। इस योजना को मंत्रिपरिषद की ओर से मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। मंगलवार को लोक भवन में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (UP Finance Minister Suresh Khanna) ने इसकी जानकारी दी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए सुरेश खन्ना ने बताया की पिछले वर्ष भी सरकार यह योजना लेकर आई थी, जिसमे सरकार कि ओर से 50 प्रतिशत अनुदान देने की बात कही गयी थी, जबकि बाकी राशि की व्यवस्था प्रबंध तंत्र को करनी थी। इस योजना के प्रति उदासीनता को देखते हुए अब सरकार ने इसमें संशोधन किया है। अब सरकार पुराने जीर्ण शीर्ण विद्यालयों के कायाकल्प पर 75 प्रतिशत राशि खर्च करेगी, जबकि प्रबन्ध तंत्र को सिर्फ 25 प्रतिशत राशि खर्च करनी होगी। प्रबन्ध तंत्र इसके लिए अपने सीएसआर फंड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि विधायक या संसद निधि से भी राशि की व्यवस्था कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत सरकार सबसे पहले 50 साल से ज्यादा पुराने विद्यालयों का कायाकल्प करेगी। इसके बाद 40 साल, फिर 30 साल पुराने विद्यालयों पर ध्यान दिया जाएगा। योजना के तहत विद्यालयों की फर्श, छत, लड़कियों के लिए पृथक शौंचालय समेत अन्य निर्माण कार्यों पर खास ध्यान रहेगा। सरकार इसके लिए 40:40:20 के अनुपात में राशि जारी करेगी। यानी पहले 40 प्रतिशत, फिर 40 प्रतिशत और अंत मे 20 प्रतिशत। योजना का उद्देश्य विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को पढ़ाई का सुरक्षित स्थान प्रदान करना है।
#UPCM @myogiadityanath जी की अध्यक्षता में आहूत मंत्रिपरिषद की बैठक के पश्चात कैबिनेट निर्णयों की जानकारी देने हेतु प्रेसवार्ता…#UPCabinet https://t.co/gSUKETKPq0
— Government of UP (@UPGovt) June 6, 2023
मंत्रिपरिषद के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि होटलों में रुकने वाले यात्रियों के लिए आइडेंटिफिकेशन के नियम को अब सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि काफी समय से ऐसी जानकारी मिल रही थी कि कई होटल बिना आईडी के ग्राहकों को कमरा दे देते हैं। कुछ घटनाओं के बाद इसको सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है। होटल संचालकों को ग्राहकों से आईडी लेने के बाद ही कमरा किराए पर देने की छूट होगी। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।