संभल जामा मस्जिद की करवानी होगी रंगाई-पुताई
प्रयागराज : आज यानी बुधवार 12 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को संभल स्थित जामा मस्जिद की पुताई का काम एक सप्ताह में पूरा करने का बुधवार को निर्देश दिया है। संबद्ध पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने एएसआई को मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई और लाइट लगाने का निर्देश दिया।
इससे पूर्व, बीते सोमवार को हाई कोर्ट ने ASI के वकील से स्पष्ट करने को कहा था कि मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई को लेकर उसके क्या पूर्वाग्रह हैं। मस्जिद कमेटी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा था कि आज की तिथि तक ASI के हलफनामे में यह साफ नहीं किया गया है कि ASI मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई और सजावटी लाइट लगाने से क्यों इनकार कर रहा है। नकवी ने बाहरी दीवार की कुछ रंगीन तस्वीरे भी पेश की थीं जिससे पुताई की जरूरत का पता चलता है।
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जानकारी दें कि, बीते सोमवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी की ओर से जताई गई आपत्ति पर यह निर्देश दिया था। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई कराने का आग्रह किया है, जिस पर ASI की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया था। मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि ASI केवल मस्जिद के भीतर की दीवार के बारे में बात कर रहा है।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने संभल के जिलाधिकारी को वर्ष 1927 में प्रशासन और मस्जिद कमेटी के बीच हुए समझौते की मूल प्रति सुनवाई की अगली तिथि यानी आज 12 मार्च 2025 को पेश करने का निर्देश दिया था। इसी समझौते के तहत मस्जिद एएसआई को सौंपी गई थी। नकवी ने दलील दी, “जवाबी हलफनामे में एएसआई की रिपोर्ट पर की गई आपत्तियों के पैराग्राफ छह, सात और आठ के कथन से कोई इनकार नहीं किया गया है। एएसआई ने अभी तक अपने हलफनामे में यह खुलासा नहीं किया है कि वह विवादित ढांचे के बाहर पुताई और अतिरिक्त लाइट व सजावटी लाइट को लगाने से क्यों मना कर रहा है।”
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इसके साथ ही उन्होंने विवादित स्थल के बाहरी हिस्से के रंगीन फोटोग्राफ भी दिखाए थे, जिससे पुताई कराने की जरूरत का पता चलता है। ASI के वकील मनोज कुमार सिंह ने कहा, “उस स्मारक के बाहरी हिस्से पर कुछ झड़ता दिखाई देता है, लेकिन अंतिम निर्णय पुरातत्ववेत्ता द्वारा उचित सर्वेक्षण के बाद ही किया जा सकता है। पुताई की कोई जरूरत नहीं है।”
इस पर अदालत ने कहा था कि ASI की रिपोर्ट को लेकर दाखिल आपत्ति के पैरा छह और सात का जवाब ASI द्वारा अपने जवाबी हलफनामे में नहीं दिया गया है। अदालत ने आदेश दिया, “आपत्ति के पैराग्राफ सात का जवाब दाखिल किया जाए और बताया जाए कि क्या विवादित ढांचे के बाहर पुताई और अतिरिक्त लाइट व सजावटी लाइट लगाने की जरूरत है या नहीं।”
जानकारी दें कि, इससे पहले, बीते 28 मार्च को ASI की ओर से सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मस्जिद के भीतर की दीवार पर सेरामिक पेंट किया गया है और वर्तमान में पुताई की कोई जरूरत नहीं है। तब अदालत ने ASI को मस्जिद परिसर से धूल और घास की सफाई करने करने का निर्देश दिया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)