-राजेश मिश्र
लखनऊ: बनारस (Banaras) में गंगा घाटों पर सावन के पहले सोमवार से वाटर टैक्सी (Water Taxi ) का संचालन शुरू हो जाएगा। प्रदूषण मुक्त हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली वाटर टैक्सी के जरिए श्रद्धालु गंगा में विभिन्न घाटों का सफर करते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) तक पहुंच सकेंगे। हालांकि बनारस में गंगा में चलने वाली वाटर टैक्सी का व्यापक विरोध भी शुरु हो गया है। गुरुवार को बनारस के सभी 80 घाटों पर परंपरागत रूप से नाव चलाने वाले नाविक हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने वाटर टैक्सी का विरोध करते हुए इसका संचालन न शुरु करने की मांग की है। वाटर टैक्सी के विरोध में बनारस में नाविकों ने महापंचायत बुलाई और हर हाल में इसके विरोध का फैसला किया है। उनका कहना है कि सदियों से गंगा में नाव के जरिए श्रद्धालुओं को यात्रा कराने वाले नाविकों की जीविका पर संकट खड़ा हो गया है।
उधर, वाराणसी जलमार्ग प्राधिकरण ने वाटर टैक्सी के संचालन के रुट तय करते हुए सोमवार से इनके संचालन का ऐलान कर दिया है। बनारस में गंगा नदी में संचालन के लिए गुजरात के भावनगर से 10 वाटर टैक्सी मंगायी गयी हैं।
वाराणसी नगर निगम ने वाटर टैक्सी के संचालन के लिए गंगा में अस्सी से नमो घाट, हरिश्चंद्र घाट से मणिकर्णिका घाट और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से अस्सी घाट के चार रूट तय किए हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि सावन के बाद भी इन वाटर टैक्सियों का संचालन जारी रहेगा। उनका कहना है कि वाटर टैक्सी का किराया प्रशासन की ओर तय कर दिया गया है। वाटर टैक्सी में चलने के लिए यात्रियों को प्रति किलोमीटर 15 रुपए भुगतान करना होगा। सबसे लंबी दूरी रामनगर किले के नमो घाट तक वाटर टैक्सी का किराया 165 रुपए होगा।
अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल गंगा में दो वाटर टैक्सी सावन के दौरान चलाई जाएंगी जिनकी तादाद यात्रियों की भीड़ को देखते हुए बढ़ाई जा सकती है। एक वाटर टैक्सी की क्षमता एक बार में 86 यात्रियों को ले जाने की है। सावन के महीने में प्रति वाटर टैक्सी पांच फेरे पूरे किए जाएंगे। वाटर टैक्सी यात्रियों को काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार तक ले जाएगी। नाविकों के विरोध पर अधिकारियों का कहना है कि वाटर टैक्सी सीमित संख्या में चलायी जा रही है और सार्वजनिक सेवा के रुप में ही उसका इस्तेमाल होगा। वहीं परंपरागत नाव व्यक्तिगत रुप से उपयोग में लायी जाती रहेंगी और नाविकों को कोई नुकसान नहीं होगा।