नरेश टिकैत, राकेश टिकैत (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊः किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के फैसले को गलत कदम बताया था, जिस पर जमकर हंगमा हुआ। बढ़ता विवाद देख टिकैत ने यू टर्न ले लिया है। उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद पूरा देश एकजुट है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तौर पर केंद्र ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। इस संधि के तहत सिंधु नदी से 20 प्रतिशत पानी भारत को और शेष 80 प्रतिशत पाकिस्तान को मिलता था।
सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले को बताया गलत
टिकैत ने मुजफ्फरनगर में एएनआई से कहा कि किसान पानी की कीमत जानते हैं। मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैं खेद व्यक्त करता हूं और मुझे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। पूरा देश एकजुट है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से कोई चूक हुई होगी, जिसके परिणामस्वरूप यह त्रासदी हुई। इससे पहले सोमवार को एएनआई से बात करते हुए टिकैत ने कहा था कि जल समझौता स्थगित करना सरकार का गलत फैसला है। संधि जारी रहनी चाहिए थी। हम इसके खिलाफ हैं। हम किसान हैं और हर किसान को पानी की जरूरत है।”
भाजपा नेताओं ने टिकैत के खिलाफ खोला मोर्चा
टिकैत की इस टिप्पणी पर भाजपा नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर समेत अन्य नेताओं ने किसान नेता पर “पाकिस्तान की भाषा बोलने” का आरोप लगाया। चाहर ने कहा कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने समेत कई कदम उठाए हैं। लेकिन बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम गलत हैं। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान जाने वाले नदी के पानी को नहीं रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे किसान प्रभावित होंगे।”
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राकेश टिकैत ने दी सफाई
टिकैत पर राष्ट्रीय हितों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए चाहर ने कहा, “नरेश टिकैत पाकिस्तान की भाषा बोलने लगे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा नेताओं की तीखी आलोचना का सामना करने के बाद किसान नेता के भाई राकेश टिकैत उनके बचाव में आगे आए और कहा कि वे “सरकार के साथ हैं।” राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया, “प्रेस के कई लोग उनसे (नरेश से) इस मुद्दे (सिंधु जल संधि) के बारे में सवाल कर रहे थे। उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। हम इस मुद्दे पर सरकार और अपने सशस्त्र बलों के साथ हैं। सख्त फैसले लिए जाने चाहिए और हम उनके साथ खड़े रहेंगे।