बिजली कंंपनियों का निजीकरण (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: पूर्वांचल और दक्षिणांचल वितरण निगमों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर चलाने की ओर बढ़ रहे पावर कॉरपोरेशन को हड़ताल की आशंका है। कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने डीएम, मंडलायुक्तों, पुलिस कमिश्नरों और कप्तानों को पत्र लिखकर इसके लिए बंदोबस्त अभी से शुरू करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि हड़ताल हो तो भी बिजली सप्लाई प्रभावित न रहे। फॉल्ट तत्काल दुरुस्त किए जा सकें। इसके अलावा उन्होंने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 की हड़तालों में शामिल लोगों को भी चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हड़ताल के दौरान उससे निपटने के जो निर्देश मुख्य सचिव ने साल 2023 में जारी किए थे, उनके बिंदुओं पर भी अमल किया जाए।
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गोयल ने संवेदनशील उपकेंद्रों को भी चिह्नित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंताओं के साथ बैठक करके संवेदनशील उपकेंद्रों और स्थलों का चयन अभी से कर लिया जाए। इसके अलावा वहां तैनाती की कार्ययोजना भी तैयार कर ली जाए। अस्पतालों, वॉटरवर्क्स, मेडिकल कॉलेज, न्यायालय, कलेक्ट्रेट आदि जगहों पर सुचारू रूप से बिजली मिलती रहे, इसकी योजना पर काम अभी से शुरू कर दें। जहां जरूरत हो वहां वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों व जेनरेटर के भी इंतजाम रखे जाएं।
उन्होंने कहा कि ये मुनाफे में चल रही हैं। उन्होंने रिफॉर्म के संबंध में की जा रही नुकसान की बातों पर कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। सभी के हित सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा है कि रिफॉर्म पर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर ध्यान न दें। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन आपके हितों के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्वांचल और दक्षिणाचल निगमों के ट्रिपल-पी मॉडल में आने के बाद, उत्पादन और ट्रांसमिशन को विद्युत आपूर्ति पर जो भुगतान किया जाता है, उससे बेहतर रिटर्न मिलेगा। उत्पादन और ट्रांसमिशन निगमों का प्रॉफिट भी बढ़ेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्दुत वितरण निगम के निजीकरण की खबरें इससे पहले भी आ चुकी हैं। उस दौरान में संबिदा पर कार्यकरत कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया था। इस बार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के विद्युत कर्मचारियों को रोजगार छिनने की आशंका है। इसलिए वह एक बार फिर हड़ताल की योजना बना रहे हैं।