पार्क में गुमशुम दिखाई दी बच्ची, बालश्रम का मामला खुलने पर बच्ची की मां समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
बच्ची का मेडिकल टेस्ट करवाकर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। इसके बाद समिति के आदेशानुसार बच्ची को ‘जग शांति उद्यान केयर' गामा- प्रथम ग्रेटर नोएडा में भेजा दिया गया।
नोएडा : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में रहने वाले दंपति के खिलाफ एक 11 साल की बच्ची से बाल श्रम कराने और उसके साथ मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में बच्ची के रिश्तेदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से श्रम करवाना दंडनीय अपराध है।
इस मामले को लेकर एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि थाना सेक्टर 142 में महिला सब इंस्पेक्टर के तौर पर कार्यरत चंचल ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। सेक्टर 137 स्थित ‘लाजिक्स ब्लॉसम काउंटी’ सोसाइटी में रहने वाले एक पति-पत्नी व बच्ची की मां और उसके मौसा-मौसी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
मां ने पैसे कमाने के लिए भेजा था दिल्ली
बच्ची को बचाए जाने के बाद उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बाल के अध्यक्ष डॉक्टर के सी विरमानी के सामने पेश किया गया। उन्होंने बच्ची से बातचीत की जिसके आधार पर उन्होंने पुलिस को बताया कि फ्लैट के मालिक शाहजहां और उनकी पत्नी रुकसाना बच्ची के साथ मार-पीट करते थे। साथ ही वे उससे जबरदस्ती घर के काम करवाते थे। बच्ची से की गई बातचीत के आधार पर उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मां और उसके मौसा-मौसी ने उसे काम पर लगाने के लिए बोकारो से दिल्ली भेजा था। बच्ची से काम के बदले में हर माह 5 हजार रुपये पगार देना तय हुआ था। बच्ची को नियमों के अनुसार मेडिकल टेस्ट करवा कर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया था। इसके बाद समिति के आदेशानुसार बच्ची को ‘जग शांति उद्यान केयर’ गामा- प्रथम ग्रेटर नोएडा में भेजा दिया गया।
कैसे खुला मामला
बाल श्रम का यह मामला तब सामने आया जब सोसाइटी के कुछ जागरूक लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। चाइल्ड हेल्पलाइन के पर्यवेक्षक युवराज कुमार ने बताया कि 11 साल की यह बच्ची लगभग 2 साल से यहां काम कर रही थी। बच्ची की किसी बात से नाराज दंपति ने उसके साथ मारपीट की जिसके बाद बच्ची उदास होकर पार्क में घूम रही थी। इसी दौरान सोसाइटी के कुछ लोगों की नजर उस पर गई और उन्हें शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना के आधार पर थाना सेक्टर 142 पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन मौके पर पहुंची और बच्ची को वहां से बचाकर अपने कब्जे में लिया।
इस मामले को लेकर जब बच्ची के माता-पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे बहुत गरीब हैं और इसलिए उन्होंने बच्ची को यहां 5,000 रुपये प्रति माह वेतन पर काम करने के लिए भेजा था। कमाई के पैसे वह अपनी मां को भेजती थी। बच्ची के दो भाई भी हैं जो परिवार के साथ बोकारो में ही रहते हैं। उन्होंने बताया कि जहां बच्ची को काम करने के लिए भेजा गया था वे लोग भी झारखंड से हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Case registered against a couple and relatives of the girl for forcing the girl into child labor in noida