सीएम योगी आदित्यनाथ व मौलाना तौकीर रजा (डिजाइन फोटो)
Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को हुए उपद्रव और बवाल के सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। बरेली पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को सलाखों के पीछे डाल दिया है। इसके साथ ही 8 और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 2000 पत्थरबाजों पर केस दर्ज करते हुए 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इस मामले में अब तक 10 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बरेली में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। यही वजह है कि आज बरेली के बाज़ार सूने रहे। दरगाह आला हज़रत वाली गली में भी भारी पुलिस बल तैनात रहा, जहां मौलाना तौकीर रज़ा का घर है। बरेली में कल हुई हिंसा और उपद्रव के बाद, कई व्यापारियों ने आज पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीख से मुलाकात की।
व्यापारियों का कहना है कि कल हुई हिंसा के दौरान वे किसी तरह अपनी जान और अपनी दुकानें बचाने में कामयाब रहे, लेकिन वे अभी भी दहशत में हैं। उन्होंने मौलाना तौकीर रज़ा के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उन्हें जेल भेजने की मांग की। मौलाना तौकीर रज़ा ने 2010 में भी दंगे भड़काए थे। व्यापारियों का कहना है कि लोग डरे हुए हैं और व्यवसायों को काफी नुकसान हुआ है।
डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डीएम ने बताया कि तौकीर रज़ा को पहले ही समझा दिया गया था। उन्हें एक नोटिस भी दिया गया था जिसमें कहा गया था कि किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। उन्हें धारा 163 लगने की सूचना दी गई। नफीस और नदीम के हस्ताक्षर वाला एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि कोई कार्यक्रम नहीं होगा, लेकिन बाद में खंडन जारी कर दिया गया।
डीएम और एसएसपी ने आगे बताया कि हम दोनों के संपर्क में हैं। पत्थर, चाकू, लाठियां, ब्लेड, पेट्रोल की बोतलें और पिस्तौल बरामद हुए हैं। पिछले सात दिनों से हम इन लोगों से संपर्क कर रहे हैं और उनसे ऐसा कोई कार्यक्रम न करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
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पता चला है कि जिले के बाहर से भी लोग व्हाट्सएप के ज़रिए आए थे। दो से तीन हज़ार लोग 100-200 और तीन सौ के अलग-अलग समूहों में थे। इस बवाल में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिसके बाद सभी बलवाइयों के खिलाफ पहले दर्ज मामलों की जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि बरेली में शुक्रवार को अचानक हिंसा भड़क उठी, जिससे पूरा शहर दहल गया। दोपहर में शुरू हुआ तनाव धीरे-धीरे बढ़ता गया। श्यामगंज, नावल्टी तिराहा और खलील स्कूल तिराहा पर पुलिस और भीड़ के बीच झड़प हुई। शहर के बड़े हिस्से में कई घंटों तक पत्थरबाजी और हिंसा जारी रही।