सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद से जुड़े बिल पास होने के बाद एक बार फिर से इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बिल के पास होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाना बनाया है। जबकि इस बिल पर प्रतिक्रिया मांगे जाने के दौरान दो दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष बने माता प्रसाद पांडेय ने पहला इम्प्रेशन ही ख़राब कर दिया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक पेश किया था। जो कि आज पास हो गया है। इस बिल के पास होने के बाद अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “भाजपा से आप क्या उम्मीद करते हैं? ये नौकरी थोड़ी देंगे, इन्होंने महंगाई बढ़ाई, नौकरी नहीं दी और अभी भी वे उसी रास्ते पर हैं जिसकी वजह से वे हारे हैं। ये इस तरह का कानून इसलिए ला रहे हैं। क्योंकि इनका साम्प्रदायिकता का दीया बुझने जा रहा है।
#WATCH दिल्ली: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “ये लव जिहाद जो कानून आ रहा है, उससे भाजपा से आप क्या उम्मीद करते हैं? ये नौकरी थोड़ी देंगे, इन्होंने महंगाई बढ़ाई, नौकरी नहीं दी और अभी भी वे उसी रास्ते पर हैं जिसकी वजह से वे हारे हैं। ये इस तरह का कानून इसलिए ला रहे हैं… pic.twitter.com/CCrTbCrGkR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 30, 2024
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि जब बिल पास ही हो गया तब इस पर कुछ कहने से क्या फायदा। जब नहीं पास हुआ होता तब कहते। जबकि यह माना जा रहा था कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वह इस बिल के खिलाफ मुखर होकर बोलेंगे।
Lucknow: On Anti Conversion Law, Opposition leader in UP, Mata Prasad Pandey says, “What is the use of speaking if the bill has been passed, if it had not been passed then you would have said.” pic.twitter.com/GTerahPYIL
— IANS (@ians_india) July 30, 2024
आपको बता दें कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 पास किया गया है। इसके अंतर्गत अब जबरदस्ती, धोखे या छल-कपट से करवाए गए धर्म परिवर्तन के मामलों मे दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।