सोलर पैनल से हाई-स्पीड डेटा ट्रांसफर: भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: अब वाईफाई की तरह बिना तार के हाई-स्पीड डेटा ट्रांसफर करना संभव हो गया है, लेकिन यह तकनीक सोलर पैनल के जरिए काम करेगी। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक अनोखी तकनीक विकसित की है, जो दुर्गम और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ सेना के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। इस तकनीक में छतों पर लगाए जाने वाले पालीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का उपयोग किया गया है।
इस तकनीक के तहत जहां से डेटा ट्रांसफर किया जाएगा, वहां एलईडी या सामान्य बल्ब के जरिए इसे प्राप्त किया जा सकेगा। इस अनोखी खोज को इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन विभाग ने विकसित किया है।
इस वायरलेस डेटा ट्रांसफर तकनीक को लाईफाई (Li-Fi) कहा जाता है। यह शोध पिछले तीन वर्षों से जारी था और अब इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया चल रही है। इस तकनीक पर कार्य “लास्ट माइल कनेक्टिविटी यूजिंग सोलर पैनल ऐज ए डेटा रिसीवर” नामक प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।
संस्थान के इनोवेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट सेल के प्रमुख प्रो. विवेक ए. बोहरा के नेतृत्व में, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन लाईफाई की टीम के शोधार्थियों संजय सिंह और रवि सैनी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया।
प्रमुख शोधार्थी राहुल के अनुसार, ट्रांसमीटर और रिसीवर को डेटा भेजने योग्य बनाने के लिए एनालॉग सर्किट विकसित किया गया है, जिसे सोलर पैनल के पीछे लगाया जाता है। डेटा भेजने के स्थान पर एलईडी के पीछे एक विशेष सर्किट लगाकर डेटा प्राप्त किया जा सकता है। इस तकनीक से लाईफाई नेटवर्क काम करने लगता है।
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फिलहाल यह तकनीक 10 मीटर की रेंज तक वाईफाई की तरह काम कर सकती है। शोध की शुरुआत में इसकी स्पीड 1.5 एमबीपीएस थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18.8 एमबीपीएस तक कर दिया गया है। चूंकि सोलर पैनल की बैंडविड्थ (फ्रीक्वेंसी) कम होती है, इसलिए इसे विशेष रूप से बढ़ाया गया है।
लाईफाई तकनीक भारत के लिए डिजिटल क्रांति का एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। इससे दूरदराज के इलाकों और सेना के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी मजबूत होगी। जैसे-जैसे इस तकनीक का विकास होगा, यह भविष्य में वाईफाई का सशक्त विकल्प बन सकती है।