सरकार देश की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रही है। (सौ. Freepik)
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने साइबर धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए एक अत्याधुनिक टूल Financial Fraud Risk Indicator (FRI) लॉन्च किया है। यह टूल बैंकों, यूपीआई सेवा प्रदाताओं और अन्य वित्तीय संस्थानों को मोबाइल नंबर की जोखिम श्रेणी बताकर फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने में मदद करेगा।
FRI एक रिस्क स्कोरिंग सिस्टम है जो मोबाइल नंबरों को तीन श्रेणियों—मीडियम, हाई और वेरी हाई रिस्क—में वर्गीकृत करता है। यह स्कोर विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित होता है, जिनमें भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), डॉट का चक्षु पोर्टल, और बैंकों से मिली जानकारी शामिल है।
यदि किसी मोबाइल नंबर पर लगातार साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें मिलती हैं या वह किसी क्राइम में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे ‘हाई’ या ‘वेरी हाई रिस्क’ कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे नंबर से जब भी कोई डिजिटल ट्रांजैक्शन होता है, संबंधित बैंक या यूपीआई ऐप को तुरंत अलर्ट मिल जाता है और आवश्यकतानुसार लेन-देन को रोका भी जा सकता है।
Stronger Checks, Safer Transactions!
DoT introduces Financial Fraud Risk Indicator. It will:
– Share intel to banks, UPI & financial platforms
– Help digital payment platforms in flagging risky mobile numbers during payments
– Enable faster fraud detection, prevention &… pic.twitter.com/kpDlbLh1sq
— DoT India (@DoT_India) May 21, 2025
डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) Mobile Number Revocation List (MNRL) के माध्यम से बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ निरंतर डेटा साझा कर रही है। इस लिस्ट में वे नंबर शामिल होते हैं जो किसी कारणवश बंद किए गए हैं, जैसे कि साइबर क्राइम में उपयोग होना या वेरिफिकेशन फेल होना।
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साइबर ठगी में शामिल मोबाइल नंबर अक्सर कुछ दिनों के लिए ही सक्रिय रहते हैं, इसलिए जैसे ही कोई नंबर संदिग्ध बनता है, उसे जांच के दायरे में लाया जाता है और संबंधित पक्षों को तुरंत सूचित किया जाता है।
डिजिटल पेमेंट कंपनी PhonePe, FRI को अपनाने वाली पहली संस्था बनी है। PhonePe ने कहा, “हम ‘वेरी हाई रिस्क’ कैटेगरी में आने वाले मोबाइल नंबरों से होने वाले लेन-देन को ब्लॉक कर रहे हैं।” साथ ही, ‘PhonePe Protect’ फीचर के तहत, ऐप अब स्क्रीन पर अलर्ट दिखा रहा है। कंपनी जल्द ही ‘मीडियम रिस्क’ नंबरों से ट्रांजैक्शन पर भी चेतावनी देना शुरू करेगी।