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यूपी की नई दवा नीति से आएगा 25000 करोड़ का निवेश, फार्मा पार्क बनेंगे

  • By प्रभाकर दुबे
Updated On: Nov 12, 2021 | 08:12 PM

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-राजेश मिश्र

लखनऊ : देश भर में बड़ी तादाद में दवा कंपनियों (Pharmaceutical Companies) वाले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब कच्चे माल पर चीन (China) की निर्भरता खत्म होगी। योगी सरकार ने नीति बनाकर दवा के लिए कच्चा माल तैयार करने वाली कंपनियों को सहूलियतें देने का एलान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की नई फार्मास्यूटिकल नीति के लागू होने के बाद प्रदेश में इस क्षेत्र में 25000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश (Investment) की संभावना है। बीते महीने मंत्रिपरिषद ने नई दवा नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत कच्चा माल तैयार करने वाली कंपनियों को कई तरह की सहूलियतें मिलेंगी साथ ही नई इकाई लगाने पर भी सालाना 10 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश को दवा कारोबार का हब बनाने के लिए वर्ष 2018 में बनाई गई फार्मास्यूटिकल नीति में संशोधन कर नई फार्मास्यूटिकल नीति लाई गई है। संशोधित नई नीति में सरकार कच्चे माल के रूप में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) निर्माण करने वाली कंपनियों को कई बड़ी राहत दे रही है। जिसके चलते दवा निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत देश और विदेश की बड़ी दवा कंपनियां यहां निवेश करने में रूचि लेंगी। 

हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा

दवाओं के कच्चे माल के आयात के लिए चीन पर निर्भरता कम होगी। दवा निर्माण के लिए जरूरी कच्चा माल तैयार करने के लिए कई जिलों में निवेशक बल्क ड्रग पार्क बनाएंगे। इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके लिए सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराकर निवेशकों को आकर्षित करेंगी।

सरकार 1604 करोड़ रुपए खर्च करेगी

फार्मा पार्क के लिए सरकार निवेशकों को उनकी जरूरत के मुताबिक पांच, 10, 15, 20, 30 और 50 एकड़ के कुल 94 भूखंड उपलब्ध कराएंगी। ऐसे पार्कों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर सरकार 1604 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें केंद्र की भी हिस्सेदारी लगभग 1000 करोड़ रुपए की होगी। इस धनराशि से कूलिंग सिस्टम और वितरण का नेटवर्क, विद्युत उपकेंद्र, पानी की उपलब्धता, साल्वेंट रिकवरी और डिस्टिलेशन प्लांट, सेंट्रल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कचरा प्रबंधन और पीएनजी की आपूर्ति आदि की व्यवस्था की जाएगी।

फार्मा पार्कों को खास रियायत दी गयी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नई नीति में फार्मा पार्कों को खास रियायत दी गयी है। प्रति फार्मा पार्क को सरकार सालाना एक करोड़ रुपए सब्सिडी के तौर पर देगी। जमीन खरीदने के लिए गए कर्ज पर लगने वाले ब्याज में 50 फीसदी छूट मिलेगी। निजी फार्मा पार्क लगाने पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करने पर आने वाली लागत का 15 फीसदी या अधिकतम 15 करोड़ रुपए की छूट मिलेगी। नई दवा बनाने की इकाई लगाने पर उपकरण की खरीद में लिए गए कर्ज पर ब्याज का 50 फीसदी सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा।

 केंद्र सरकार से मिल गई है स्वीकृति

गौरतलब है कि हर साल उत्तर प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दवाएं और चिकित्सा उपकरणों की खपत होती है। फिर भी उत्तर प्रदेश दवाओं के लिए पूरी तरह से दूसरे राज्यों पर निर्भर है। इसके मद्देनजर प्रदेश में दवा निर्माण के लिए बड़ी फॉर्मा कंपनियों को जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने की योजना के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्ष 2018 में बनाई गई फार्मास्यूटिकल नीति तैयार कराई थी। इसके साथ ही राज्य में मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क बनाए जाने का फैसला किया गया था। उक्त नीति के आने के बाद और सरकार के प्रयासों से नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने की स्वीकृति केंद्र सरकार से बीते माह मिल गई है।

दवा कंपनियों को मिलेगी रियायतें

अब उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन पर बनेगा। मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। अब इस तरह के निवेश को बढ़ावा देने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने 2018 की नीति को संशोधित कर उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति 2021 का मसौदा तैयार किया जिसे मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है। नई नीति में एपीआई के अलावा ड्रग इंटरमीडिएट का निर्माण करने वाली कंपनियों को उसी तरह के सारी रियायतें मिलेंगी जिस तरह की रियायतें दवा निर्माण कंपनियों को दिए जाने की व्यवस्था है। वर्तमान में दवा निर्माण के लिए जरूरी एक्टिव फॉर्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआई) चीन से आयात होता है। हालांकि देश और प्रदेश दवा निर्माण में बहुत आगे है, लेकिन एपीआई व ड्रग इंटरमीडिएट का आयात उसे चीन से करना पड़ता है। यह कुल जरूरत का करीब 70 से 75 फीसदी तक होता है।

25000 crore investment will come from up new drug policy pharma parks will be built

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Published On: Nov 12, 2021 | 08:12 PM

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