Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

पुलेला गोपीचंद: ऐसा व्यक्तित्व जो खिलाडी से ज्यादा कोच के रूप में हुए मशहूर, भारत को दिलाया पहला ओलंपिक मैडल

  • By किर्तेश ढोबले
Updated On: May 28, 2024 | 05:51 PM
Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली: देश में बैडमिंटन खेल की अलग पहचान और खेल को स्मार्ट बनाने में जिनकी प्रमुख भूमिका रही। जिससे भारत में बैडमिंटन पिछले एक दशक से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक रहा है। ऐसा व्यक्तित्व जो खिलाड़ी से भी ज्यादा दुनिया भर में कोच के रूप में मशहूर हुआ। बैडमिंटन के द्रोणाचार्य के नाम से पहचान बनाने वाले पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand Birthday) आज अपना 48 वां जन्मदिन मना रहे है। उनका जन्म आज ही के दिन यानी 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। गोपीचंद बचपन से क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन उनके भाई ने उन्हें बैडमिंटन खेलने के लिए मजबूर किया और वह आखिरकार बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी बने। 

कभी क्रिकेटर बनाना चाहते थे गोपीचंद लेकिन भाई ने बैडमिंटन खेलने के लिए कहा 

पुलेला गोपीचंद को स्कूल के दिनों में क्रिकेट बहुत पसंद था। वह क्रिकेट बहुत अच्छा खेला करते थे, उन्हें क्रिकेटर बनना था। गोपीचंद बचपन में क्रिकेट के अलावा बैडमिंटन भी अच्छा खेला करते थे। उन्हें उनके बड़े भाई ने एक दिन बैडमिंटन खेलने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ‘क्रिकेट में शायद तुम भीड़ में खो जाओ, लेकिन बैडमिंटन में तुम्हारी एक अलग ही पहचान बनेगी।’

गोपी ने अपने बड़े भाई की बात मानते हुए बैडमिंटन की प्रैक्टिस शुरू कर दी। उन्हें उनकी मेहनत और प्रैक्टिस ने बैडमिंटन का ऐसा चैम्पियन बनाया, जिसके चर्चे हर तरफ होने लगे। गोपी ने अपनी शुरूआती ट्रेनिंग एसएम आरिफ से प्राप्त की, जिसके बाद वह प्रकाश पादुकोण के ‘बीपीएल प्रकाश पादुकोण अकादमी’ में शामिल  हो गए।  गोपी ने एसएआई बैंगलौर में गांगुली प्रसाद से भी ट्रेनिंग ली। 

गोपीचंद की उपलब्धिया 

गोपीचंद ने 1996 से लेकर 2000 तक लगातार पांच बार नेशनल चैंपियनशिप जीती। 2001 में गोपीचंद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। इससे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1980 में जीत हासिल की थी। गोपीचंद को 1999 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था।  वहीं वर्ष 2001 के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2005 में पद्मश्री और 2014 पद्मभूषण से भी नवाजा जा गया है। वहीं साल 2009 में उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सन्मानित किया गया।  

भारत को दिलाया पहला ओलिंपिक मैडल ओलंपिक 

2016 ओलंपिक में बैडमिंटन का फाइनल मैच चल रहा था। देश की नजर 21 साल की उस लड़की पर थी, जो देश के लिए ओलम्पिक में पहला गोल्ड मेडल जीतने के लिए संघर्ष कर रही थी।  वो लड़की थी पीवी सिंधु। जो गोल्ड मेडल बेशक नहीं जीत सकी लेकिन सिल्‍वर मेडल जीतकर ओलंपिक में यह उपलब्‍धि हासिल की। जीत के बाद पीवी सिंधु के अलावा जो एक नाम सबके सामने आया वो था पुलेला गोपीचंद। पुलेला गोपीचंद एक ऐसा नाम जो इससे पहले कई कीर्तिमान बना चुके थे। 

साइना नेहवाल के बाद पीवी सिंधु ओलंपिक में कमाल किया और फिर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ाने में कामयाब रहीं। लंदन ओलम्पिक 2012 में सायना नेहवाल ने गोपीचंद के नेतृत्व में कांस्य (Bronze)पदक जीता था। वहीं रियो ओलम्पिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने रजत (SILVER) पदक हासिल किया था। पीवी सिंधु 2019 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। सिंधु और साइना की कामयाबी के पीछे सबसे ज्यादा योगदान पुलेला गोपीचंद का रहा है। गोपीचंद ने द्रोणाचार्य बनकर अपने शिष्यों को ‘अर्जुन’ की तरह बनाया और पदक जिताया।

एकेडमी के लिए गिरवी रखा घर 

गोपीचंद ने 2003 में बैडमिंटन से संन्यास लिया। जिसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरूआत की। जब एकेडमी खोलने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, तब उन्होंने एकेडमी शुरू करने के लिए अपने घर को गिरवी रख दिया था। हालांकि, आंध्रप्रदेश सरकार ने गोपीचंद को एकेडमी बनाने के लिए जमीन दी थी।  लेकिन प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए अपना घर गिरवी रख दिया था।

पी.गोपीचंद ने इन खिलाड़ियों की बनाई पहचान 

साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के अलावा भारत के कई और शानदार खिलाड़ी गोपीचंद की एकेडमी का हिस्सा रहे हैं। जिनमें किदांबी श्रीकांत, पी कश्यप, गुरुसाई दत्त, तरुण कोना जैसे बैडमिंटन खिलाड़ी का नाम शामिल है। गोपीचंद ने बचपन में सीखे आदर्श को अपने शिष्यों को हमेशा देने की कोशिश की। संघर्ष करते हुए कैसे आगे बढ़ा जाता है, वह सिखाया। गोपीचंद ने हमेशा फिटनेस पर ध्यान दिया और अपने शिष्यों को शीर्ष पर पहुंचे के लिए फिट रहने की सलाह देते हैं।

Happy birthday pullela gopichand a personality who became more famous as a coach than a player got india the first olympic medal

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 16, 2021 | 06:22 AM

Topics:  

  • Badminton

सम्बंधित ख़बरें

1

भारतीय शटलर सुकांत कदम ने रचा इतिहास, एसएल4 पैरा बैडमिंटन में बने नंबर-1

2

जूनियर इंटरनेशनल ग्रां प्री: भारत की बड़ी जीत, मिक्स्ड डबल्स में गोल्ड मेडल पक्का

3

BWF विश्व चैंपियनशिप में सात्विक-चिराग का धमाल, भारत के लिए पक्का किया पदक

4

BWF World Championships के सुपर-8 में पीवी सिंधु को मिली हार, सात्विक-चिराग पर टिकी भारत की उम्मीद

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.