AI के कारण युद्ध बहुत हो गए भ्रामक (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: एआई ने एक नए तरह का भ्रम जाल रचकर इंसान के लिए बेहद खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है। विशेषकर युद्ध के मामले में यह इस कदर भ्रम फैलाने में असरदार साबित हुई है कि लगता है महाकाव्यों में कैद मायावी युद्ध आज की तारीख में हकीकत बन गए हैं। इजराइल-ईरान संघर्ष में एआई ने इतनी भ्रामक स्थिति पैदा कर दी है कि पता नहीं चल पा रहा कि वाकई युद्ध में वास्तविक स्थिति क्या है?
एआई के कारण 13 जून को शुरू हुए इजराइल-ईरान युद्ध में दर्जनों ऐसे फेक वीडियो बनाए गए हैं, जिनके कारण दुनियाभर की राय कई-कई बार न केवल बदली है, बल्कि करोड़ों लोग हकीकत में यह जान ही नहीं पा रहे कि इस युद्ध की वास्तविक स्थिति क्या है? मीडिया संस्थानों द्वारा अब तक दर्जनों ऐसे वीडियो फेक साबित किए जा चुके हैं, जिन्हें लाख दो लाख नहीं बल्कि दस-दस करोड़ लोगों ने देखा था और इनके आधार पर अपनी-अपनी राय बना ली थी।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चलते पूरी दुनिया में ईरान की जवाबी कार्रवाईयों को कुछ इस तरह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है कि कई मुस्लिम देशों में तो इन वीडियो को देखकर बड़े-बड़े जश्न तक मनाए गए कि ईरान ने इजराइल को जबर्दस्त टक्कर देकर तहस-नहस कर दिया है। लेकिन ईरान की सैन्य क्षमताओं को लेकर एआई द्वारा गढ़े गए ये वीडियो, जहां पूरी तरह से नकली थे, वहीं यूरोप और दूसरे देशों में ईरान के भीतर सरकार के विरोध में जो बड़े-बड़े आंदोलन और जनाक्रोश भरे उभार देखे गए हैं, वो भी सभी झूठे पाए गए हैं।
एआई ने इतनी भ्रामक स्थिति पैदा कर दी है कि सही-सही अंदाजा ही नहीं लग रहा कि इस युद्ध में किसका और कितना पलड़ा भारी है। आज भले ये सब मनोरंजन लगे, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि भविष्य में यह सब कुछ इतना भ्रामक हो जाएगा कि माइग्रेन से भी बड़ा स्थाई सिरदर्द बन जाएगा।
आज युद्ध सिर्फ जमीनी या हवाई हथियारों से ही नहीं लड़े जा रहे हैं, बल्कि इन्हें एआई से भी लड़ा जा रहा है। जिन्हें हम डिजिटल युद्ध भी कह सकते हैं। ईरान और इजराइल के मौजूदा युद्ध में एआई की जो व्यापक भूमिका उभरकर सामने आई है, उसने बड़े-बड़े युद्ध रणनीतिकारों के होश उड़ा दिए हैं। फर्जी वीडियो सीन, फर्जी तस्वीरों, चैटबॉट से उगलवाई गईं फर्जी जानकारियों ने भी सच और झूठ की सीमा को धुंधला बना दिया है। पिछले दिनों इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया में एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ, जो तेलअवीव पर साधे गए खौफनाक निशाने की भयानक तस्वीरें पेश कर रहा था। लेकिन जब न्यूज एजेंसी ने इस वीडियो को फैक्ट चेक टूल के जरिए परखा, तो पता चला कि यह बिल्कुल फर्जी वीडियो है, जिसे एआई के जरिए बनाया गया है।
इजराइल-ईरान युद्ध ने वीडियो गेम के वर्षों, दशकों पुराने फुटेज को भी युद्ध के ताजा विवरणों में बदल दिया। हाल में कई ऐसे वीडियो सामने आए, जिसमें इजराइली जेट कागज के हवाईजहाजों की तरह गिरते दिखते हैं। इन्हें ईरान की मिसाइलें पट-पट करके गिराती दिखाई गई हैं। लेकिन बाद में पता चलता है कि लड़ाकू जहाजों की यह बारिश हकीकत नहीं, बल्कि कंप्यूटर गेम का हिस्सा थी। ये वीडियो गेम इस कदर भ्रामक स्थिति पैदा कर रहे हैं कि पक्ष या विपक्ष में कोई वास्तविक राय ही नहीं बन रही। सिर्फ मनगढ़ंत इमेजें ही नहीं, बल्कि सैटेलाइट फुटेज भी पेश किए जा रहे हैं। टेलीग्राम और स्टेट मीडिया चैनलों पर ऐसे एआई निर्मित नकली सैटेलाइट फुटेज पोस्ट किए जा रहे हैं, जो इजराइल में बड़े पैमाने पर सैन्य क्षति दिखाते हैं। लेकिन जब इन्हें फैक्ट चेक के जरिए जांचा जाता है, तो सब कमरे के भीतर कंप्यूटर पर बनाया गया वॉर गेम साबित होता है।
लेख – डॉ.अनिता राठौर के द्वारा