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नवभारत विशेष: भारत को नहीं बनने देंगे धर्मशाला, अब घुसपैठ रोकने के लिए कड़ा कानून

मित शाह ने कहा कि जो लोग भारत में व्यापार, शिक्षा व निवेश के लिए आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग सुरक्षा के लिए खतरा है, उन्हें सख्त कार्रवार्ड का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि भारत कोई 'धर्मशाला' नहीं है।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Mar 29, 2025 | 09:58 AM

नवभारत विशेष (डिजाइन फोटो)

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नवभारत डेस्क: अगर कोई व्यक्ति नकली पासपोर्ट या वीजा का प्रयोग करके भारत में प्रवेश करता हुआ या अंदर रहता हुआ या बाहर जाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे 7 वर्ष तक की कैद की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह अप्रवास और विदेशियों से संबंधित विधेयक 2025 का मुख्य प्रावधान है, जिसे 27 मार्च को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो लोग भारत में व्यापार, शिक्षा व निवेश के लिए आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग सुरक्षा के लिए खतरा है, उन्हें सख्त कार्रवार्ड का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि भारत कोई ‘धर्मशाला’ नहीं है।

ममता सरकार पर दोषारोपण

अमित शाह के अनुसार, देश की सुरक्षा व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, निर्माण व व्यापार को प्रोत्साहित करने, शिक्षा व्यवस्था को ग्लोबल मान्यता हासिल करने और विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय सम्मान अर्जित कराने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। इससे जो भी विदेशी भारत आएगा, उसकी अप-टू-डेट सूचना मिलना सुनिश्चित होगा। जो भी व्यक्ति भारत आएगा उसकी कड़ी निगरानी यह विधेयक सुनिश्चित करता है।

घुसपैठ के लिए दोषी बंगाल में तृणमूल की सरकार और असम में कांग्रेस की पूर्व सरकारें हैं। भारत की बांग्लादेश के साथ सीमा 2,216 किमी लंबी है, जिसमें से 1,653 किमी पर फेंसिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 563 किमी में से 112 किमी पर भौगोलिक स्थितियों के कारण फेंसिंग संभव नहीं है।

412 किमी पर फेंसिंग इसलिए अधूरी है, क्योंकि बंगाल की सरकार भूमि नहीं दे रही है। गृहमंत्री के मुताबिक़ जब अगले वर्ष बंगाल में बीजेपी विधानसभा चुनाव जीत जाएगी, तो घुसपैठ की समस्या समाप्त हो जाएगी। अगर बंगाल सरकार आधार कार्ड जारी न करे, तो कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।

BSF की जिम्मेदारी बनती है

12 अंकों वाला व्यक्तिगत पहचान नंबर का आधार कार्ड से यूआईडीएआई जारी करती है और राज्य के नोडल अधिकारी को 30 दिन की निर्धारित अवधि के भीतर केवल किसी की पहचान पुष्टि पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार है।

भारत के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल), जो कि केंद्रीय सशत्र पुलिस बल की जिम्मेदारी है कि, वह भारत की, जो पाकिस्तान व बांग्लादेश के साथ सीमाएं हैं, उनकी सुरक्षा करे और कोई घुसपैठ न होने दे। सीमा प्रबंधन की पूर्णतः जिम्मेदारी भारत के गृह मंत्रालय पर है। झारखंड विधानसभा चुनाव के समय विपक्षी दलों ने यही कहा था कि सीमा की सुरक्षा व वहां से घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, न कि राज्य सरकारों की।

विपक्ष की मांग ठुकराई

लोकसभा में विपक्ष ने विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की मांग की, जिसे सरकार ने यह कहकर ठुकरा दिया कि जिस समय विधेयक को पेश किया गया और जब उस पर विचार किया गया, उसके बीच में सुझाव देने का पर्याप्त समय था। विपक्ष ने सुझाव अवश्य दिए, लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया।

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विपक्ष इस विधेयक पर विस्तृत विचार करने के लिए जेपीसी के पास इसलिए भेजना चाहता था, क्योंकि इसमें कुछ खास विदेशियों को कानून से छूट देने का प्रावधान है। साथ ही इमीग्रेशन अधिकारियों को मनमानी शक्तियां प्रदान की गई हैं। विपक्ष का यह भी कहना है कि विधेयक में कानून व मौलिक अधिकारों के बीच संतुलन का अभाव है। द्रमुक को लगता है कि जो 90,000 श्रीलंकाई तमिल पिछले तीन दशक से भारत में रह रहे हैं, उनके हित इस विधेयक से प्रभावित होंगे।

लेख- विजय कपूर के द्वारा

Navbharat special we will not let india become dharamshala now strict law to stop infiltration

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Published On: Mar 29, 2025 | 09:58 AM

Topics:  

  • Amit Shah
  • Narendra Modi
  • Navbharat Editorial

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