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नवभारत विशेष: तभी रेपो रेट कम होने का मिलेगा फायदा, रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को लाभ देने का किया फैसला

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 6 महीने के भीतर तीसरी बार 50 बेसिस प्वाइंट तक की गई रेपो रेट में कटौती के बाद अभी तक सिर्फ 4 बैंकों ने इसके मुताबिक अपने ग्राहकों को लाभ देने का फैसला किया है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jun 11, 2025 | 01:37 PM

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (सौ. डिजाइन फोटो)

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नवभारत डिजिटल डेस्क: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 6 महीने के भीतर तीसरी बार 50 बेसिस प्वाइंट तक की गई रेपो रेट में कटौती के बाद अभी तक सिर्फ 4 बैंकों ने इसके मुताबिक अपने ग्राहकों को लाभ देने का फैसला किया है।उसमें भी दो बैंकों यूको और एचडीएफसी ने शुरुआती घोषणा महज प्वाइंट 10 प्रतिशत के ब्याज दरों में कटौती करने की बात कही है।इससे साफ है कि जरूरी नहीं है कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती कर दिए जाने के कारण लोन की दरें उसी के मुताबिक कम हो जाएंगी।पिछले पांच वर्षों बाद अब रेपो रेट की दर 5.5 प्रतिशत हो गई है।

इसे इस तरह समझें कि अगर आपने 20 लाख रुपए का लोन 20 साल की अवधि के लिए ले रखा है, तो आरबीआई की मौजूदा रेपो रेट की नीति के चलते बैंकों को इस लोन पर 1.48 लाख रुपए ब्याज में कटौती देना चाहिए।इस तरह रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अब तक तीन बार बैंक के रेपो रेट में कटौती करके लोगों को सस्ते लोन पाने का माहौल बनाया है और देश में जो करीब 12 करोड़ लोग बैंक लोन की किस्तें भर रहे हैं, उन्हें भी ईएमआई में कटौती की राहत दी है।

लेकिन क्या इससे अर्थव्यवस्था उम्मीद के मुताबिक छलांग लगाने लगेगी? क्या इससे रीयल सेक्टर में जिस बूम का सपना देखा जा रहा है, वह सपना पूरा होगा? रीयल एस्टेट सेक्टर भारत में सबसे ज्यादा नौकरियां देता है।भारत में कुल नौकरियों का करीब 10 से 14 प्रतिशत इसी सेक्टर से आता है।लेकिन लगातार होम लोन की बढ़ी दरों के कारण नए घर खरीदने वाले ग्राहक बाजार से नदारद थे।देश में लगभग 80 लाख छोटे-बड़े फ्लैट या तो बने पड़े हैं या कुछ बने हैं, कुछ अधूरे हैं।बहरहाल 80 लाख फ्लैट ऐसे पड़े हैं, जिनको अभी तक ग्राहक नहीं मिले।

पिछले दो वर्षों से छोटे व मझोले और जनता फ्लैट के बाजार में वास्तविक ग्राहक लगभग न के बराबर हैं।हां, लग्जरी होम और लग्जरी अपार्टमेंट की बिक्री पिछले तीन वर्षों में लगातार बढ़ी है।2 करोड़ रुपए और उससे ज्यादा कीमत वाले अपार्टमेंट और 5 करोड़ रुपए तथा उससे ज्यादा कीमत वाले विलाज की पिछले तीन वर्षों में बिक्री 175 से 200 प्रतिशत तक बढ़ी है।लेकिन आम मध्यवर्गीय लोगों द्वारा खरीदे जाने वाले फ्लैट्स की संख्या में जरा भी बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिली।क्या अब जबकि लगभग एक फीसदी तक रिजर्व बैंक ने बैंकों को दिए जाने वाले लोन में जो ब्याज की कटौती की है, क्या उससे फ्लैट सस्ते होंगे और छोटे घरों की बिक्री में तेजी आएगी?

बैंक कटौती नहीं दे रहे हैं

निश्चित रूप से आरबीआई के इस प्रयास से बैंक ने पहले से लोन ले रखे और नया लोन ले रहे ग्राहकों की ब्याज दरों में कटौती तो की है, लेकिन जितनी छूट उन्हें खुद आरबीआई से मिली है, उतनी कटौती वे अपने ग्राहकों को नहीं दे रहे।ज्यादातर बैंकों ने खुद अपने ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन में तीन महीने का सर्किल रेट बना रखा है।इसलिए बैंकों को जो राहत पहले दिन से मिलनी शुरू हो जाती है।आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों को तीन महीने बाद देना शुरू करते हैं या फिर उनके सर्किल पीरियड के मुताबिक।जो बैंक फायदा तुरंत उठा लेते हैं, ग्राहकों को वही फायदा वो नहीं देते।

कई बार तीन महीने के बाद अर्थव्यवस्था की स्थितियां बदलने लगती हैं और छह महीने के भीतर रिजर्व बैंक की पॉलिसी में तब्दीली हो जाती है।इसलिए जो फायदा बैंकों को मिल चुका होता है, बैंक खुद अपने ग्राहकों को वे नहीं दे पाते।इस तरह बाजार में एक अनिश्चितता बनी रहती है कि रेपो रेट में जो कटौती हुई है, उसका फायदा कब तक मिलेगा और कितना मिलेगा।

7% से कम दर पर लोन नहीं देते

फिलहाल सीआरआर घटने से देश में बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपए लोन देने के लिए अतिरिक्त हो चुके हैं।आरबीआई ने बैंकों को दिए जाने वाले ब्याज दर को 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है।बैंकों को चाहिए कि वे इस 3 प्रतिशत पर 2.5 प्रतिशत अपना ब्याज जोड़कर ग्राहकों को 5.5 नहीं तो 6 प्रतिशत की दर पर लोन उपलब्ध कराएं।लेकिन देश का कोई भी बैंक फिलहाल 7 फीसदी से कम ब्याज दरों पर ग्राहकों को लोन नहीं देता, तो कई बार होता है कि आंकड़ों की इस कटौती के बाद सब कुछ हरा-हरा और उम्मीदोंभरा दिखने लगता है।

लेख- वीना गौतम के द्वारा

4 banks have decided to give benefits to their customers after the reduction in repo rate

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Published On: Jun 11, 2025 | 01:37 PM

Topics:  

  • Repo Rate
  • Reserve Bank of India
  • Sanjay Malhotra

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