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दशहरा के दिन क्यों करते हैं शस्त्र पूजा, जानिए इसका महत्व और पौराणिक कथा

दशहरा में जिस तरह से नीलकंठ पक्षी का दिखना शुभ मानते हैं उस तरह से ही इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। आपके पास मौजूद बंदूक से लेकर तलवार, कटार, लाठी आदि शस्त्रों की पूजा की जाती है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Oct 11, 2024 | 11:44 AM

दशहरा के दिन होती हैं शस्त्र पूजा (सौ.सोशल मीडिया)

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Dussehra 2024 : देशभर में दशहरा का त्योहार शारदीय नवरात्रि के बाद मनाया जाता है इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के दिन के रूप में मनाया जाता है। दशहरा के दिन वैसे तो पूजन कर शाम के समय पर रावण दहण किया जाता हैं इसमें रावण का पुतला बनाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। दशहरा में जिस तरह से नीलकंठ पक्षी का दिखना शुभ मानते हैं उस तरह से ही इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। आपके पास मौजूद बंदूक से लेकर तलवार, कटार, लाठी आदि शस्त्रों की पूजा की जाती है।

जानिए शस्त्र पूजा की विधि

दशहरा के दिन शस्त्र पूजा करने का विधान होता हैं इसे शुभ मुहूर्त में की जाती है। इसके लिए आप इस विधि से पूजा कर सकते है..

सुबह स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त में सभी अस्त्र-शस्त्रों को निकाल कर एक चौकी पर साफ कपड़ों में रखे।
सभी शस्त्रों पर गंगाजल छिड़कर पवित्र कर लें।
इसके बाद सभी शस्त्रों पर मौली बांधें।
उसके बाद सभी शस्त्रों पर तिलक लागाएं और फूल माला चढ़ाकर चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप से विधि विधान के साथ पूजा करें।

ये भी पढ़ें– रावण के 10 सिर सिखाते हैं आपको 10 सबक, जानिए इनके बारे में

शस्त्र पूजा से जुड़ी है पौराणिक कथाएं

यहां पर विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की जाती है इसे लेकर पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता हैं। इसकी दो कथाएं सबसे ज्यादा प्रचलित हैं जिसके बारे में शायद ही आपको जानकारी होगी। एक कथा के अनुसार, जब प्रभु श्रीराम ने माता सीता को दशानन रावण की कैद से मुक्ति दिलाने के लिए युद्ध कर रावण का वध किया था. श्री राम ने उस युद्ध पर जाने से पहले शस्त्रों की पूजा की थी। वहीं पर एक अन्य कथा के अनुसार, जब मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध कर बुराई का अंत किया था, उसके बाद देवताओं ने मां दुर्गा के शस्त्रों का पूजन किया था।

क्या होता हैं शस्त्र पूजा का महत्व

अगर आप दशहरा के दिन शस्त्र पूजा करते हैं तो, जीवन में चल रही सभी परेशानियां और कष्ट, दरिद्रता दूर होती हैं इतना ही नहीं कहते हैं कि, विजय दशमी के दिन शस्त्र पूजन से शोक और भय का नाश होता है।इस दिन माहिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के साथ शस्त्रो की पूजा करने का महत्व होता है।

Why do we worship weapons on dussehra

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Published On: Oct 11, 2024 | 11:44 AM

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