कब है जून महीने का पहला प्रदोष व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन शिव शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार जून महीने का पहला प्रदोष व्रत 8 जून को रखा जाएगा।
हिंदू श्रद्धालु इस दिन प्रदोष व्रत रखते हैं और भगवान से अपने मनोवांछित फल की प्राप्ति की कामना करते हैं। हिंदू शास्त्रों में इस व्रत का महत्व विशेष रूप से बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी की आराधना करने से जीवन में चल रहे दुख, संकट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ऐसा भी कहा गया है कि शिव कृपा से मृत्यु के बाद पुण्य लोक की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं जून महीने में पहला प्रदोष व्रत कब है।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, 8 जून को सुबह 07:17 बजे ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। 09 जून को सुबह 09:35 बजे त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदयातिथि मान्य है, इसलिए 8 जून को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत रखा जाएगा। बता दें, रविवार पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:18 से 09:19 तक है।
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ज्योतिषयों के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करके भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद शिव परिवार का पूजन करें और भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें। पूजा के आखिर में भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें। इसके बाद ही अपना उपवास खोलें।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है। शिव पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार, इस दिन उपवास रखने से साधक रोग और दोषों से मुक्ति पाता है और धन-सम्पदा की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से करियर में भी लाभ मिलता है। रवि प्रदोष का संयोग कई तरह के दोषों को दूर करता है और तरक्की मिलती है।