मई महीने का पहला प्रदोष व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
pradosh vrat 2025: प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित पर्व है। आपको बता दें कि महीने में दो बार प्रदोष का उपवास रखा जाता है एक कृष्ण पक्ष दूसरा शुक्ल पक्ष। इस बार मई महीने का पहला प्रदोष व्रत 9 मई को है। इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से देवों के देव महादेव की कृपा भक्तों पर बरसती है।
इसके अलावा, इस दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा अर्चना की जाती है। यह व्रत करने से अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं मई महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त।
कब है मई महीने का पहला प्रदोष व्रत
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शुरु हो रही है और समापन 10 मई को शाम 5:29 मिनट पर होगा, लेकिन उदयातिथि पड़ने के कारण यह व्रत 9 मई को रखा जाएगा।
क्या है प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 2025
9 मई को शिव जी की पूजा का मुहूर्त शाम 7:01 मिनट से लेकर 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पारण मुहूर्त
प्रदोष व्रत का पारण अगले दिन 10 मई को 5 बजकर 33 मिनट पर किया जाएगा।
शाम को ही क्यों की जाती है प्रदोष व्रत की पूजा जानिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में (सूर्यास्त के बाद जब अंधेरा होने लगता है) भगवान शिव प्रसन्न होकर कैलाश पर नृत्य करते हैं। माना जाता है कि इस समय यदि आप भगवान शिव से जो भी मांगेंगे, वो जरूर मिलता है, इसलिए प्रदोष व्रत में शाम के समय ही पूजा की जाती है।
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प्रदोष व्रत का महत्व
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्तों की मनचाही इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली आती है। वहीं इस दिन कुछ भक्त भगवान शिव की पूजा भगवान नटराज के रूप में भी करते हैं।