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सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप, जानें महत्व

सावन के पावन सोमवार की शुरूआत 22 जुलाई से हो रही है इस दौरान अगर चमत्कारी मंत्रों में से एक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते है तो भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jul 20, 2024 | 08:05 AM

सावन में करें महामृत्युंजय मंत्र (सौ.सोशल मीडिया)

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सावन के महीने में सोमवार के पावन व्रत रखने के लिए जहां पर बस दो दिन ही बाकी है वहीं पर शिवभक्त भक्तिभाव से व्रत करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए है। कहा जाता है इस सोमवार में विधि-विधान के साथ भगवान की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। सावन के पावन सोमवार की शुरूआत 22 जुलाई से हो रही है इस दौरान अगर चमत्कारी मंत्रों में से एक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते है तो भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है। चलिए जानते है इसका महत्व

जानिए महामृत्युंजय मंत्र के महत्व से जुड़ी बातें

यहां पर भगवान शिव के चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र को मृत संजीवनी मंत्र के नाम से जाना जाता है इससे जुड़ी कई बातें खास है जानिए

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।

जानिए इस चमत्कारी मंत्र का अर्थ

शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र में अकाल मृत्यु तक को टालने की शक्ति होती है. मृत्यु निश्चित है लेकिन ग्रंथों के अनुसार इसका नियम अनुसार पालन किया जाए तो व्यक्ति मृत्यु के मुंह से भी बाहर आ सकता है. इसके उच्चारण से भक्तों को लंबी आयु मिलती है. ये भय, रोग,कष्ट सबको दूर करता है। कहा जाता है, भगवान शिव के अनेक स्वरूपों में एक महामृत्युंजय स्वरूप भी है. महादेव को मृत्युंजय भी कहा जाता है,वहीं महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु की रक्षा प्रार्थना की गई है।

सावन में बढ़ती है महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति

आपको बताते चलें, सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का महत्व काफी होता है शक्ति और भी बढ़ जाती है. धर्म ग्रथों और शास्त्रों की मानें तो महामृत्‍युंजय मंत्र का जप करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा महामृत्युंजय का जाप करने से पापों से छुटकारा मिलता है।

जानिए इस चमत्कारी मंत्र की महत्ता

आपको बताते चलें, भगवान शिव के खास चमत्कारी मंत्रों में एक महामृत्युंजय स्वरूप भी है. महादेव को मृत्युंजय भी कहा जाता है, वहीं महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु की रक्षा प्रार्थना की गई है। इस मंत्र को लेकर वैज्ञानिक प्रभाव भी मिलता है कि, कहते हैं, महामृत्युंजय मंत्र के अक्षरों का विशेष स्वर के साथ उच्चारण किया जाए तो उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि से शरीर में कंपन होता है, जिससे हमारे शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पैदा होता है और वो हमारे शरीर की नाड़ियों को शुद्ध करने में मदद करता है।

Chant mahamrityunjay mantra to please lord shiva in sawan

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Published On: Jul 20, 2024 | 08:05 AM

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