विनायक राउत व नितेश राणे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के राजनीति में विवादित बयान देने के लिए आए दिन चर्चाओं में रहने वाले राज्य के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे एक फिर चर्चाओं में है। राणे ने विपक्षी दलों के नेताओं को लेकर एक बयान दिया जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने राणे को निशाने पर लिया है। राणे ने पिछले दिनों विपक्षी नेताओं को महायुति में शामिल होने कहा था। राणे के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और सवाल उठाया कि क्या मंत्री अपने पद की शपथ भूल गए हैं?
शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व सांसद विनायक राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के भाजपा मंत्री नितेश राणे को सबक सिखाएगी। नितेश राणे ने हाल ही में यह बयान दिया था कि शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दलों के समर्थकों को उनके क्षेत्रों के लिए कोई विकास निधि नहीं मिलेगी। शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत ने रविवार शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सत्ता का अहंकार राणे के सिर चढ़ कर बोल रहा है।
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत ने कहा कि “सत्ता का अहंकार राणे के सिर चढ़ कर बोल रहा है। उन्होंने पद की शपथ ली है जिसमें निष्पक्ष रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करने की बात कही गई है। हम उन्हें जल्द ही सबक सिखाएंगे।”
इस महीने की शुरुआत में सिंधुदुर्ग जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में राणे ने कहा था कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के कार्यकर्ताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए भाजपा में शामिल होना चाहिए।
भाजपा नेता राणे ने कहा था कि “कई एमवीए कार्यकर्ता पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं और मैं बाकी बचे लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। केवल (सत्तारूढ़) महायुति के कार्यकर्ताओं को ही निधि मिलेगी। यदि किसी गांव में सरपंच या कोई अन्य पदाधिकारी एमवीए गठबंधन से है तो उन्हें एक भी रुपया नहीं मिलेगा।”
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महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) शामिल हैं। वहीं नितेश राणे और विनायक राउत, दोनों कोंकण क्षेत्र से आते हैं।