आज ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है वहीं पर इसके दर्शन के लिए देशों से ही नहीं विदेशों से पर्यटक दर्शन करने के लिए आते है। इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ सुसज्जित रथों में सवार होकर अपनी मौसी के घर गुंडीचा मंदिर जाते हैं वहां 7 दिन विश्राम करने के बाद अपने मंदिर को वापस लौटते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2024 1
इस खास रथयात्रा में शामिल होकर भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा करना जहां पर महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रथयात्रा और मंदिर से जुड़े कई रहस्य है जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं, मानते हैं कि, मंदिर में अविवाहित जोड़ों का प्रवेश वर्जित होता है।
जगन्नाथ मंदिर में अविवाहित जोड़ों जो कि चाहे प्रेमी जोड़े हों या जिनका विवाह तय हो गया हो लेकिन हुआ ना हो, ऐसे जोड़ों का प्रवेश निषेध है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार यह नियम बना हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार- एक बार श्री राधा रानी श्री कृष्ण के जगन्नाथ रूप के दर्शन करने पुरी आईं लेकिन जगन्नाथ जी के परम भक्त और मंदिर के पुजारी ने उन्हें द्वार पर ही रोक दिया। रोकने का कारण राधारानी ने पूछा तो, पुजारी जी ने बोला कि देवी आप भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका हैं न कि विवाहिता।चूंकि जब मंदिर में श्री कृष्ण की पत्नियों को प्रवेश नहीं मिला तो आपको कैसे प्रवेश करने दें, यह सुनते ही श्री राधा रानी बहुत क्रोधित हुईं।