कहते हैं कि भगवान महादेव की महिमा अपार है और वो थोड़ी सी पूजा से खुश हो जाते हैं. तीर्थों के तीर्थ प्रभु राम की तपोस्थली चित्रकूट के राजा भगवान शिव जी ही हैं. जहां महाशिवरात्रि में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है।
चित्रकूट में भगवान श्रीराम ने भगवान शिव की आज्ञा के बाद ही निवास किया था कहा जाता है शिव बाबा चित्रकूट के राजा है। मान्यता कहती है कि, उनकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी।
भगवान शिव का यह महाराजाधिराज मत्यगजेंद्र नाथ मंदिर मंदाकिनी नदी के रामघाट पर मंदिर बना हुआ है। जहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाने पहुंचते हैं. भोले बाबा को बेलपत्र और फूल चढ़ाने से मनुष्य की सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महाशिवरात्रि में चित्रकूट के मत्यगजेंद्र नाथ मंदिर में भोलेनाथ पर जो भी भक्त बेलपत्र राम-राम लिखकर चढ़ाता है. उसको भोलेनाथ अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं.
चित्रकूट जनपद के यूपी बॉर्डर मंदाकिनी तट पर स्थित मत्यगजेंद्र नाथ मंदिर पर महाशिवरात्रि के समय रात्रि से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है। खास बात है कि, यहां पर 4 शिवलिंग हैं। इसे लेकर भारत का पहला स्थान है वहीं पर भगवान शिव को चित्रकूट का क्षेत्रपाल माना जाता है।