नितेश तिवारी की फिल्म में बताया गया है कि आज के युवाओं पर कितना दबाव होता है। छिछोरे की कहानी छात्रों और अभिभावकों सहित कई तरह के लोगों से जुड़ते हैं, जिससे फिल्म लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह दिखाता है कि मुश्किल समय में दोस्त एक-दूसरे की कैसे मदद करते हैं, जिसे कई दर्शक अपने जीवन से रिलेट कर सकते हैं।
छिछोरे में कॉलेज लाइफ और दोस्ती को दिखाती है, जो इसे उन सभी लोगों के लिए प्रासंगिक बनाती है जिन्होंने स्टूडेंट लाइफ को एंजॉय किया है। फिल्म में कॉलेज के मजेदार और बेफिक्र दिनों की दुनिया कई लोगों को उनके अपने अनुभवों की याद दिलाता है, जो इसके आकर्षण और अपील को बढ़ाता है।
नितेश तिवारी के छिछोरे में श्रद्धा कपूर और दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जैसे लीड एक्टर्स है। दोनों ने फिल्म में दमदार परफॉर्मेंस दी है। फिल्म में हर एक स्टार ने अपनी भूमिका को असल बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है। छिछोरे में दोस्ती और संघर्ष देखने में असल और बेहद दिलचस्प लगते हैं। जबरदस्त पर्रोमेंसेज ने फिल्म की सफलता और इमोशनल इंपैक्ट को और भी मजबूत किया है।
सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म में ह्यूमर और दिल छू लेने वाले पलों की यादों का एक मिश्रण दिखाया गया है। इससे हमें सीख मिलता है कि जैसे मुश्किल पलों में मजबूत बने रहने चाहिए। छिछोरे लोगों को हंसाती तो जरूर है लेकिन साथ में यह भी बताती है कि लाइफ में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
छिछोरे में सिखाती गया है कि सफलता का मतलब सिर्फ़ जीतना नहीं है, बल्कि आगे आने वाली असफलता से भी मज़बूती और धैर्य के साथ निपटना होता है। फिल्म में दी गई सीख यह सवाल उठाती है कि समाज सफलता और असफलता को किस तरह देखता है।
फिल्म दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर देती है की सफलता का मतलब क्या होता है, जहां यह मेंटल हेल्थ को ज्यादा इंपॉर्टेंस देने की बात करती है ना कि सिर्फ समाज की उम्मीदों को। कहा जाए तो यह फिल्म हर उम्र के लोगों के लिए एक इंस्पायरिंग और मीनिंगफुल है।