आज देशभर में आयकर दिवस मनाया जा रहा है विगत दिवस जारी हुए आम बजट में आयकर के रिजीम में बदलाव किए गए थे। देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयकर होता है जिसका इतिहास अंग्रेजों के जमाने का है। वैसे तो राजा-महाराजाओं के जमाने में अनाज को टैक्स के रूप में वसूला जाता था लेकिन इसकी शुरूआत कागजी तौर पर 1857 की क्रांति के बाद की मानी गई है।
1857 की क्रांति के दौरान भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों से बगावत की थी उस दौरान अंग्रेजों ने अपनी सेना पर खर्च बढ़ा दिया। उस जमाने (1856-57) में अंग्रेजों ने अपनी आर्मी पर 1 करोड़ 14 लाख पाउंड खर्च किए थे जहां पर टैक्स की जरूरत महसूस हुई।
भारत में वायसराय लॉर्ड कैनिंग की काउंसिल में विल्सन को वित्तीय सदस्य बनाया गया तो वहीं पर जब पहली बार 18 फरवरी, 1860 को भारत में बजट पेश किया गया था उस दौरान तीन तरह के टैक्स इनकम टैक्स, लाइसेंस टैक्स, तंबाकू टैक्स लगाए गए थे।
पहले बजट में 200 से 500 रु. तक की सालाना इनकम वाले लोगों पर 2% टैक्स लगाया गया था. जबकि इससे ऊपर की कमाई करने वालों को 4% टैक्स भरने के लिए कहा गया था।
टैक्स के दायरे में सेना, नौसेना और पुलिसकर्मियों को इनकम टैक्स से बाहर रखा गया, इन्हें टैक्स नहीं देना होता था इस फैसले से वर्किंग क्लास ने इसका विरोध किया था।
आयकर की जिम्मेदारी को संभालने के लिए साल 1946 में भारत में पहली बार आयकर अधिकारियों की परीक्षा के जरिये भर्ती की गई।
आजादी के बाद आयकर के इतिहास में बदलाव होते गए और 1953 में इसे 'इंडियन रेवेन्यू सर्विस' (IRS) नाम मिला लेकिन इसे 1961 के आयकर कानून के रूप में जानते है।