भाई-बहनों के प्यार का बंधन यानि रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाने वाला है इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उसके सफल भविष्य की कामना करती हैं। इस खास मौके पर राखी बांधने के ही नियम होते है लेकिन देश के कई हिस्सों में रक्षाबंधन को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है।
रक्षाबंधन पर मारवाड़ी समाज में अलग नियम होते है जहां पर 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में घर की चौखट की पूजा की जाती है। मुख्य द्वार पर खीर, पुरी, मौली और दूबा रखी जाती है। इसके बाद अगले 8 दिन तक रिश्तेदार एक दूसरे के यहां जाकर रक्षाबंधन पर्व मनाते हैं इसके नौवें दिन गुगा जी का निर्माण किया जाता है और सारी राखियां उतारकर भेंट की जाती है।
वैसे तो भाई-बहन के बीच ही रक्षाबंधन मनाया जाता है लेकिन उत्तर बिहार में रक्षाबंधन पर ननद अपनी भाभी को लुंबा राखी बांधती है। हर साल ननद अपनी भाभी को राखी बांधने अपने-अपने घर जाती हैं। इससे रिश्ते में मिठास बनी रहती है।
बिहार की राजधानी पटना में पेड़ों को राखी बांधने के नियम होते है। इस खास दिन के मौके पर लोग पाटली वृक्ष को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हैं। इस दिन पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था भी जागरूकता अभियान चलाती है।
रक्षाबंधन पर उत्तराखंड में चंपावत जिले के देवीधुरा में रक्षाबंधन पर बग्वाल पाषाण युद्ध की परंपरा प्रचलित है। कहते हैं इस मौके पर चार खाम और सात थोकों के रणबांकुरे बग्वाल खेलते हैं और एक व्यक्ति के बराबर रक्त बहाते हैं। बग्वाल के बाद सभी रणबांकुरे गले मिलते हैं।