किसानों की फसल हुई बर्बाद (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: उमरखेड़ तहसील में 15 अगस्त से 19 अगस्त तक हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण नदी और नहरों के किनारे 47 हज़ार हेक्टेयर में लगी कृषि फसलें नष्ट हो गईं।
सरकार के आदेशानुसार राजस्व विभाग द्वारा अब तक 85 प्रतिशत पंचनामे पूरे कर लिए गए हैं और शेष पंचनामे जारी हैं। नदी और नहरों के किनारे बसे गाँवों के घरों में पानी घुसने से तहसील के 44 गाँव प्रभावित हुए हैं। इनमें 2700 परिवार बेघर हो गए हैं। उनको आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है और बाढ़ पीड़ितों को ऑनलाइन राहत अनुदान वितरित किया गया है।
तहसीलदार आर यू सुरडकर ने बताया कि देर से हुए पंचनामे के अनुदान भी जल्द ही वितरित किए जाएंगे। उमरखेड़ तहसील में बारिश अपने चरम पर है और अकेले अगस्त महीने में औसत से ज़्यादा बारिश हुई है। बारिश अभी थमी नहीं है, इसलिए बारिश में बर्बाद हुई कृषि फसलों से किसान सदमे में हैं।
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बाढ़ की स्थिति ने किसानों को दयनीय स्थिति में डाल दिया है। बाढ़ से तबाह हुए घरों में अस्थायी खाद्यान्न की आपूर्ति की गई, लेकिन उनकी आजीविका खुले में है और उनकी आजीविका के साथ-साथ नष्ट हुई कृषि फसलों के लिए सरकारी प्रशासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। एक ओर, सरकार मराठा ओबीसी आरक्षण के रसातल में फंसी हुई है और तबाह किसानों और संपत्ति मालिकों को सरकार से न्याय कब मिलेगा?