वर्धा. महाराष्ट्र राज्य समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी संगठन की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय कामबंद आंदोलन किया गया़ सभी अधिकारियों ने जिला परिषद कार्यालय के समक्ष धरना दिया़ पिछले छह वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्यभर के समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी सेवा दे रहे है़ं राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को देश में तीसरे क्रमांक पर लाने के लिये सभी समुदाय स्वास्थ्य अधिकारियों की अहम भूमिका रही है़ परंतु उनकी समस्या की ओर हमेशा अनदेखी की जा रही है.
कार्यक्षमता बढ़ाने के लिये राज्यभर में करिब दस हजार समुदाय स्वास्थ्य अधिकारियों की समस्या हल करने की मांग की गई़ सोमवार को स्थानीय संगठन ने जिला परिषद कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय आंदोलन किया गया. शासन सेवा में स्थायी किए जाने, गुट ब का दर्जा दिए जाने, केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार 40 हजार रुपये मानधन वृध्दि व बोनस दिए जाने, मूल वेतन के दस गुना काम पर आधारित मुआवजा देने, जिला बाह्य व जिला के अंतर्गत तबादले किये जाने, 23 इंडिकेटर रद्द किए जाने अथवा प्रति इंडिकेटर एक हजार रुपये करने, टीए, डीए, भविष्य निर्वाह निधि व बीमा संरक्षण दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया गया.
मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ तो 23 जनवरी से बेमियादी हड़ताल करने की चेतावनी ज्ञापन में दी गई़ संगठन के जिलाध्यक्ष डा़ उत्सव शेंडे, जिला सचिव अक्षय इंगले, महिला प्रतिनिधि वीणा वासनिक, डा़ संदीप लेकुरवाले, सागर बोंमले, नीलेश बुरबुरे, अभिजीत पात्रे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में समुदाय स्वास्य अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए.