वर्धा. आर्थिक समस्या के कारण कई गरीब परिवार अपने अधिकार का पक्का मकान नहीं बना पाते़ ऐसे परिवारों को खुद का अधिकार का मकान मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से विविध घटकों के लिए विविध योजनाएं चलायी जा रही है़ अनुसूचित जाति व नवबौध्द घटकों के लिए रमाई आवास योजना शुरू है़ इसमें हजारों गरीब परिवारों को अधिकार के पक्के मकान उपलब्ध कराये गए है़.
अनुसूचित जाति व नवबौद्व घटक के परिवारों को राहत देने तथा उनके निवास का प्रश्न हल करने यह योजना राज्य में चलायी जा रही है़ ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के पात्र लाभार्थी को उनकी खुद की जगह पर अथवा कच्चे मकान की जगह पर 269 स्क्वेयर फीट में पक्का मकान बनाकर दिया जा रहा है़ योजना पर अमल करने ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा तथा शहरी क्षेत्र के लिए नपं, नप की ओर से काम किया जा रहा है.
मकान निर्माण के लिए क्षेत्र निहाय न्यूनतम खर्च की मर्यादा निश्चित है़ ग्रामीण क्षेत्र में आवास निर्माण के लिए लाभार्थी को 1 लाख 32 हजार रुपए अनुदान दिया जाता ह़ै़ नक्सलग्रस्त पहाड़ी क्षेत्र में 1 लाख 42 हजार, नगर पंचायत, नगर परिषद क्षेत्र के लिए शौचालय निर्माण सहित 2 लाख 50 हजार अनुदान मिलता है़ लाभ के लिए ग्रामीण लाभार्थी को लाभार्थी हिस्सा भरने की आवश्यकता नही़ं इन लाभार्थियों को छूट दी गई है़ नगर पंचायत, नगर परिषद क्षेत्र के लाभार्थी को 7.5 प्रश लाभार्थी हिस्सा अदा करना होता है़ शहरी क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे पात्र लाभार्थी को भी आवास योजना का लाभ दिया जाता है़ अनुसूचित जाति के दिव्यांग लाभार्थी गरीबी रेखा के नीच नहीं, जो 40 प्रश से अधिक दिव्यांग है व सालाना आय एक लाख तक है़ ऐसे दिव्यांग लाभार्थी को शर्तों के बिना पर लाभ दिया जाता है.
योजना के लाभ के लिए लाभार्थी राज्य का 15 वर्ष से निवासी होना जरूरी है़ परिवार की सालाना आय ग्रामीण के लिए 1 लाख व शहरी क्षेत्र के लिए डेढ़ लाख है़ योजना का लाभ परिवार के एक ही व्यक्ति को मिलेगा़ साथ ही आवास के जिस लाभार्थी के पास निर्माण कार्य के लिए जगह नहीं, ऐसे लाभार्थी को पंडित दिनदयाल उपाध्याय आवास जगह खरीदी अर्थसहायता योजना चलाई जा रही है. इसके तहत रमाई आवास योजना के ग्रामीण क्षेत्र के गरीबी रेखा के नीचे पात्र परंतु आवास निर्माण के लिए जगह उपलब्ध नहीं, ऐसे लाभार्थी को जगह खरीदी के लिए 50 हजार रुपए तक अर्थ सहायता प्रदान की जाती है.