मीरा भाईंदर ट्रांसपोर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Mira Bhyandar News In Hindi: मीरा भाईंदर महानगरपालिका की परिवहन सेवा ( एमबीएमटी) की बसों को रखरखाव की कमी का ब्रेक लग गया है।
रखरखाव और मरम्मत की अनदेखी ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि कुल बसों में करीब 40 प्रतिशत बसें अब सड़क पर नहीं, बल्कि डिपो में खड़ी जंग खा रही हैं।
मनपा के पास डीजल और इलेक्ट्रिक, दोनों तरह की करीब 131 बसों का बेड़ा है। इनमें 74 डीजल बसें शामिल हैं, जिनमें से प्रतिदिन कम से कम 69 बसों के सड़कों पर उतरने की उम्मीद होती है, लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ 40 बसें ही सड़क पर हैं, बाकी 30 से 32 बसें डिपो में खड़ी-खड़ी खराब हो रही हैं। ठेकेदार की लापरवाही के कारण इनकी हालत जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है।
ठेकेदार को नोटिस, लेकिन सुधार शून्यः प्रशासन की ओर से ठेकेदार को कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं। मनपा परिवहन की बस सेवा कभी शहर की धड़कन मानी जाती थी। अब वह रखरखाव की कमी की शिकार होकर कराह रही है।
हालांकि मनपा के उपायुक्त डॉ। सचिन बांगर ने बताया कि बसों के रखरखाव और मरम्मत को लेकर बार-बार चेतावनी दी गई है। अब अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सबसे ज्यादा असर भाईंदर ठाणे रूट पर पड़ा है। पहले इस मार्ग पर चलने वाली 5 वातानुकूलित डीजल बसे यात्रियों की पहली पसंद थीं, लेकिन अब ये सभी बंद पड़ी है। फिलहाल केवल ई-बसे ही इस मार्ग पर चल रही है। कई बसें तो एक साल से भी अधिक समय से डिपी में खड़ी है।
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कुछ महीने पहले तक मीरा भाईंदर परिवहन सेवा से रोजाना एक लाख से अधिक यात्री सफर करते थे। नई ई-बसों के आने से उम्मीद थी कि यह संख्या डेढ़ लाख तक पहुँचेगी। लेकिन हालात उलटे हो गए अब यात्रियों की संख्या घटकर सिर्फ 85 से 87 हजार रह गई है। इसके साथ ही टिकट राजस्व में भी गिरावट आई है। साथ ही यात्रियों को मजबूरन अधिक पैसे देकर ऑटो रिक्शा और पर्यायी वाहनों में सफर करना पड़ रहा है।
– नवभारत लाइव के लिए मीरा भाईंदर से विनोद मिश्रा की रिपोर्ट