-अरविंद मिश्रा
कल्याण: मानसून के आगमन से पहले ही कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (KDMC) द्वारा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था कर ली गई है और आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर क्षेत्र की जनता को सुरक्षित रखने का पूरा इंतजाम किया गया हैं। मानसून (Monsoon) के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने, जर्जर इमारतों के धरासाई होने, भूस्खलन जैसी समस्याओं के आ जाने पर क्षेत्र के नागरिकों को कैसे सुरक्षित रखा जाए इसके लिए सभी 10 प्रभाग क्षेत्रों में आपातकाल नियंत्रण कक्ष (Emergency Control Room) की स्थापना की गई है।
जिसका पूरा नियंत्रण केडीएमसी मुख्यालय में स्मार्ट सिटी कार्यालय में बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (Integrated Command Control Center) से होता है। डिसास्टर मैनेजमेंट ऑफिसर दीपक कैलाश निकम ने बताया कि हमारी टीम पूरी तरह से किसी भी स्थिति से मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका मुख्यालय में बनाए गए इस केंद्र में इस समय 135 लोग कार्यरत हैं और 24 घंटे इसमें कर्मचारी मौजूद रहते हैं, जो आपातकालीन स्थितियों में सभी को सूचना देने का काम करते हैं। सभी प्रभाग के कंट्रोल रूम यहां से जुड़े हुए हैं और पुलिस, प्रभाग क्षेत्र अधिकारी, अग्निशमन केंद्र सभी को यह सूचना देकर समय पर घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करते हैं। यह केंद्र मौसम विभाग से संपर्क में रहता है और जो भी एलर्ट मौसम विभाग से प्राप्त होते हैं उसके अनुसार क्षेत्र के नागरिकों और महानगरपालिका अधिकारियों को सूचना देता है।
तेज बारिश होने पर शहर में जगह-जगह लगाए गए सीसीटीवी के माध्यम से पूरे शहर की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। इमरजेंसी कॉल बॉक्स और पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम की भी सभी प्रमुख चौकों पर व्यवस्था की गई है जिसके द्वारा नागरिकों को राहत और बचाव के विषय में सूचित किया जाएगा। निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति को जानने के लिए फ्लड सेंसर लगाए गए हैं जो मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष को लगातार बारिश की मात्रा का अपडेट देते हैं। गोविंदवाड़ी, बैलबजार, डोंबिवली स्टेशन परिसर, बालधुनी, प्रेम ऑटो आदि जगहों पर फ्लड सेंसर लगाए गए हैं। वहीं, फोटो और वीडियो के माध्यम से सूचना देने के लिए वर्चुअल मैसेज सिस्टम की भी व्यवस्था उपलब्ध है।
चौकशी के लिए कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के पास 3 ड्रोन उपलब्ध हैं। ऐसी जगहें जहां बाढ़, भूस्खलन, इमारतें धरासाई होने पर जाने की व्यवस्था नहीं है, वहां पर ड्रोन के माध्यम से फोटो, वीडियो के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सकेगा। यह ड्रोन लाइफ जैकेट, फ़ूड पैकेट, दवा आदि ढोने में भी सक्षम हैं। वहीं इसमें भी इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगा हुआ है, जो दुर्घटनास्थल पर संदेश देने का काम भी करेगा। यह ड्रोन 3 से 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम हैं।
कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र में कुल 7 अग्निशमन केंद्र हैं, आपातकाल स्थितियों के लिए सभी अधिकारियों के नंबर उपलब्ध कराए गए हैं। सभी अग्निशमन केंद्रों के पास कुल मिलाकर 18 वाहन हैं, जिसमें फायर वाउजर, फायर टेंडर, 55 मीटर टर्न टेबल लैडर (सीढ़ी) वाहन, एंबुलेंस आदि का समावेश है। फायर सूट, कंप्रेसर, पोर्टेबल पंप, रबर बोट (इंजन सहित व रहित), लाइफ जैकेट, रेस्क्यू पोल, कंक्रीट कट सा, विविध रेस्क्यू औजार, समेत कुल 22 तरह के उपकरण भी अग्निशमन विभाग के पास मौजूद हैं।
मनपा क्षेत्र में खतरनाक इमारतों को खाली कराकर उन्हें गिराने का काम भी जोरों पर शुरू है। एनडीआरएफ की एक टीम जुलाई में महानगरपालिका क्षेत्र में आ जाएगी। निचले इलाकों और भूस्खलन के क्षेत्रों के लोगों को आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं। फूड पैकेट उपलब्ध कराने वाली संस्था को टेंडर दिया जा चुका हैं। वहीं इस पूरे ऑपरेशन में नाला सफाई के ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों को भी आपातकालीन स्थितियों के लिए रखा जाता है जो टेंडर का हिस्सा है क्योंकि ये बारिश के दौरान नाला चोकअप होने पर उसे खोलने में सहायता करते हैं और मानसून बीतने के बाद इनका पूरा पैसा दिया जाता हैं।