सांसद संजय राउत (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: राकां शरदचंद्र पवार पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने दो रोज पहले चौंकाने वाला दावा किया था। शरद पवार ने कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले दो लोगों ने उनसे मिले थे और उन्होंने 160 सीटों पर जीत दिलाने की पेशकश की थी। सीनियर पवार के उक्त दावे के बाद से राज्य की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई।
सत्तारूढ़ महायुति ने इन दावों को खारिज कर रहा है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पवार के दावे को बल देनेवाला बयान दिया है। राउत ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया है कि शरद पवार से मिलने वाले लोग उद्धव ठाकरे से भी मिले थे।
संजय राउत ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे और प्रस्ताव देने वालों के बीच हुई बातचीत का विस्तार खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उद्धव ठाकरे से भी मिले थे। उद्धव ने उनसे कहा था कि देश में जो माहौल है, उसे देखते हुए हम लोकसभा में 100 प्रतिशत जीतेंगे। महाराष्ट्र में हम जीतेंगे।
संजय राउत ने कहा कि वे लोग दोबारा विधानसभा चुनाव से पहले आए। तब हमने कहा कि लोकसभा में हमें बड़ी सफलता मिली है, विधानसभा में भी हम जरूर सत्ता में आएंगे। तब उन लोगों ने कहा था कि हमें 60 से 65 मुश्किल सीटें बताइए और हम उन्हें ईवीएम से जिता देंगे। लेकिन हमने कहा कि हमें घोटालों के जरिए चुनाव जीतने की जरूरत महसूस नहीं होती।
इस पर उन्होंने कहा कि सामने वाली सरकार में जो लोग हैं, उन्होंने मतदाता सूची और ईवीएम के जरिए ऐसी योजना पर काम किया है, इसलिए आपकी विफलता की आशंका दिखाई दे रही है।हम आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन हमें चुनाव प्रणाली, आयोग और लोकतंत्र पर भरोसा था। दुर्भाग्य से, शरद पवार जो कह रहे हैं और उद्धव ठाकरे से मिले लोगों की बातें सच साबित हुई।
सांसद संजय राउत ने चुनाव में घोटाले की अटकलें सही होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि पवार ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। साथ ही आरोप लगाया कि मोदी, शाह और फडणवीस जैसे लोग पैसे और सत्ता के बल पर चुनाव परिणाम को चुराते या हाईजैक करते हैं। उन्होंने उस प्रकार के एजेंट बनाए हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘बड़े नेताओं के पास ‘ऐसे लोग आते हैं, चुनाव को प्रभावित करने के आइडिया देते हैं। लेकिन ये नेता न तो पुलिस में शिकायत करते हैं, न ही चुनाव आयोग में। यदि सच में ऐसा है तो उन्होंने तुरंत शिकायत क्यों नहीं की? इसका सीधा सा मतलब है कि उन्होंने उस ऑफर का इस्तेमाल करने के बारे में सोचा? जबकि चुनाव आयोग कई बार खुली चुनौती दे चुका है कि कोई ईवीएम हैक करके दिखाए. लेकिन कोई कर नहीं पाया है. यदि आपके पास कोई है तो उसे ले जाकर दिखाओ. झूठे बयान देकर जनता के जनादेश का अपमान करना बंद करें।