पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट केस
पुणे. कल्याणी नगर में शराब पीकर अपनी पोर्शे कार से दो लोगों को कुचलने वाले नाबालिग आरोपी से अब पुलिस पूछताछ करेगी। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पुलिस को पूछताछ करने की अनुमति दी है। ऐसे में अब इस मामले में और भी कई राज खुलने की संभावना है।
बता दें कि पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखकर नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी। नाबालिग अभी बाल सुधार गृह में है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकवडे ने कहा, “किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सुनवाई हुई और उसने हमारी याचिका स्वीकार कर ली।” पुलिस का दावा है कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को हादसे के वक्त ‘पोर्शे’ कार को 17 वर्षीय लड़का नशे की हालत में चला रहा था। किशोर न्याय अधिनियम के मुताबिक, किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में की जाएगी।
गौरतलब है कि किशोर न्याय बोर्ड ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल के बेटे एवं इस मामले के आरोपी किशोर को जमानत दे दी थी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था। भारी आलोचना के बाद पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड में पुनरीक्षण याचिका दायर की जिस पर बोर्ड ने आदेश में संशोधन करते हुए आरोपी को पांच जून तक सुधार गृह में भेज दिया था।
जेजे बोर्ड के एक सदस्य द्वारा किशोर को जमानत दिए जाने के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच करने तथा यह देखने के लिए एक समिति गठित की कि क्या पुणे कार दुर्घटना मामले में आदेश जारी करते समय मानदंडों का पालन किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने बताया कि उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। अधिकारी ने बताया कि जेजेबी में न्यायपालिका से एक सदस्य और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो व्यक्ति शामिल होते हैं।
नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को उनके परिवार के वाहन चालक को बंधक बनाने, उसे नकदी एवं उपहारों का लालच देने तथा दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हादसे को लेकर सामने आए नए घटनाक्रमों के बीच पुलिस नाबालिग के खिलाफ जांच करेगी।
इन घटनाक्रमों में ससून जनरल अस्पताल में रक्त नमूनों में कथित हेरफेर शामिल है, जिसके सिलसिले में अस्पताल के दो चिकित्सकों को गिरफ्तार किया गया है। पुणे पुलिस ने कथित तौर पर रक्त के नमूनों की अदला-बदली किए जाने के मामले में किशोर के पिता की हिरासत के लिए आवेदन दाखिल किया है। नाबालिग का पिता ससून जनरल अस्पताल के दो चिकित्सकों के साथ रक्त नमूनों की अदला-बदली के मामले में आरोपी है।
इससे पूर्व दिन में पुणे की एक अदालत ने ‘पोर्शे’ कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा को उनके चालक के कथित अपहरण एवं बंधक बनाने में भूमिका को लेकर शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और उनके पिता को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ए.ए. पांडे की अदालत में पेश किया गया। (एजेंसी एडिटेड)