पूजा खेडकर की मां मनोरमा को मिली जमानता (फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया)
पुणे: पूर्व आईएएस ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पुणे की एक अदालत ने खेडकर की मां को हत्या के प्रयास के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी। हाल ही में मनोरमा खेडकर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह वह एक भूमि विवाद को लेकर लोगों के एक समूह से भिड़ते हुए कथित तौर पर पिस्तौल लहराते हुए देखी गई थीं। यह वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला तब दर्ज किया गया था।
मनोरमा खेडकर के वकील सुधीर शाह ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एन मारे ने मनोरमा खेडकर को जमानत दी और उन पर शर्तें लगाई। जज ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा कि मनोरमा खेडकर को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक या अधिक जमानत राशि पर रिहा किया जाए। अदालत ने आरोपी से कहा कि वह गवाहों को प्रभावित न करे और मामले की जांच में सहयोग करें।
आदेश में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता मामले में सूचना देने वाले और गवाहों से किसी भी तरह से संपर्क नहीं करेगी और उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगी।”
आदेश में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता पुणे के पौड थाने के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगी, जहां मामला दर्ज किया गया है, जब तक कि जांच पूरी नहीं हो जाती तथा जारी जांच में सहयोग करेगी। आदेश में कहा गया कि याचिकाकर्ता को जांच अधिकारी द्वारा आवश्यक होने पर संबंधित थाने में बुलाए जाने पर उपस्थित होना चाहिए। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपने खिलाफ जांच पूरी होने तक जांच अधिकारी और क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट को सूचित किए बिना पुणे जिला नहीं छोड़ना चाहिए।
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जमानत याचिका पर बहस के दौरान अधिवक्ता शाह ने अदालत को बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) का प्रयोग अनुचित है, क्योंकि कोई गोली नहीं चलाई गई थी।
पुणे ग्रामीण पुलिस ने मनोरमा और उनके पति एवं महाराष्ट्र सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी दिलीप खेडकर की तब तलाश शुरू की थी, जब एक वीडियो सामने आया था जिसमें मनोरमा 2023 में पुणे की मुलशी तहसील के धडवाली गांव में एक भूमि विवाद को लेकर कुछ लोगों को पिस्तौल से धमकाते हुए दिखी थीं। यह वीडियो उस समय प्रकाश में आया जब पूजा खेडकर का सिविल सेवा में चयन सवालों के घेरे में था।
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पौड पुलिस ने खेडकर दंपति और पांच अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें 307, 144, 147 और 506 के अलावा अस्त्र अधिनियम भी शामिल था। मनोरमा को रायगढ़ जिले के महाड के पास हिरकानीवाड़ी गांव में एक लॉज से पकड़ा गया था। इस मामले में दिलीप खेडकर को अग्रिम जमानत मिल गई है।
दूसरी तरफ, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर कड़ा एक्शन लिया है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी है और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं या चयन से वंचित कर दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में पूर्व परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के बारे में महाराष्ट्र सरकार, मसूरी स्थित आईएएस प्रशिक्षण अकादमी और दिल्ली एम्स से जानकारी मांगी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)