पुणे: पुणे महानगरपालिका (PMC) ने औंध, बाणेर और बालेवाडी इलाकों में स्वच्छता कर्मचारियों की दक्षता में सुधार के लिए जीपीएस ट्रैकिंग तकनीक (GPS Tracking Technology) का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। सकारात्मक परिणामों से उत्साहित प्रशासन ने अब ट्रैकिंग सिस्टम को पूरे शहर में विस्तारित करने का निर्णय लिया हैं। इस पहल में वृक्ष कार्य, कूड़ा संग्रह, परिवहन और अपशिष्ट प्रसंस्करण जैसे विभिन्न कार्यों में शामिल कर्मचारी शामिल होंगे। अगले तीन महीने में पुणे महानगरपालिका प्रशासन (Pune Municipal Administration) की पूरे शहर में इस प्रोजेक्ट को लागू करने की तैयारी हैं।
पुणे में प्रतिदिन लगभग 2,200 टन कूड़ा उत्पन्न होता है और अपशिष्ट प्रबंधन में लगभग 15,000 व्यक्तियों को रोजगार मिलता है। पीएमसी का लक्ष्य इस व्यापक प्रणाली की पूरी क्षमता का दोहन करना है। इसे प्राप्त करने के लिए उन्होंने एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को अपने परिचालन ढांचे के रूप में अपनाया है।
प्रारंभिक रूप से उपरोक्त क्षेत्रों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लागू किया गया, जिसमें 1,000 कर्मचारी शामिल थे। पिछले चार महीनों में सफाई, कूड़ा संग्रह और परिवहन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी गई है। नतीजतन, विशिष्ट क्षेत्रों के भीतर कर्मचारियों की आवाजाही और विभिन्न क्षेत्रों की स्वच्छता स्थिति के बारे में तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सकी।
वास्तविक समय की अंतर्दृष्टि ने परिचालन दक्षता में काफी सुधार किया और निर्दिष्ट क्षेत्रों में उचित अपशिष्ट संग्रह और परिवहन सुनिश्चित किया। नतीजतन क्षेत्र की समग्र सफाई में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग की उपायुक्त आशा राउत की उपस्थिति में पीएमसी कमिश्नर विक्रम कुमार के समक्ष सफल पायलट प्रोजेक्ट पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इसके बाद के शहरव्यापी कार्यान्वयन में लगभग 14,000 कर्मचारी, चालक, परियोजना कर्मचारी और 673 अपशिष्ट परिवहन वाहन शामिल होंगे, जिसमें पीएमसी द्वारा 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
अपशिष्ट परिवहन वाहनों को उनकी आवाजाही को ट्रैक करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग और एक GPS सिस्टम से लैस किया जायेगा। प्रत्येक ट्रक द्वारा एकत्र किए गए कचरे की मात्रा और निर्दिष्ट अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा पर संसाधित राशि संबंधी जानकारी दर्ज की जाएगी। सफाई कर्मचारी अपनी कलाई पर जीपीएस डिवाइस लगाएंगे, जिससे उनके काम करने के घंटे और तय की गई दूरी सही-सही रिकॉर्ड हो सकेगी। सेंट्रल कंट्रोल रूम से पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी।
जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप सफाई कर्मचारियों के बीच उपस्थिति और समय की पाबंदी में सुधार हुआ है। प्रत्येक कर्मचारी अपनी कलाई पर एक जीपीएस बैंड पहनता है, ताकि पीएमसी उनकी उपस्थिति पर नज़र रख सके। प्रस्तुति में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि नियमित और पूर्णकालिक उपस्थिति के कारण औंध वार्ड कार्यालय में कूड़ा संग्रह में प्रति दिन कम से कम 125 टन की पर्याप्त वृद्धि हुई है। जीपीएस तकनीक का उपयोग करके, पीएमसी का लक्ष्य अपने अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों को अनुकूलित करना, कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाना और शहर की स्वच्छता में सुधार करना है।