निकाय चुनाव (AI Generated Photo)
Nagpur Municipal Election News: उत्तर नागपुर में सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सर्वाधिक अविकसित लेआउट होने के बावजूद प्रभाग क्रमांक 1 का विकास उत्तर नागपुर के अन्य प्रभागों की तुलना में अधिक किया गया है। लगातार विकास कार्य जारी होने का दावा करते हुए भाजपा के पूर्व पार्षदों ने इस प्रभाग को भाजपा बहुल करार दे दिया।
भाजपा पार्षदों का मानना है कि कार्यकर्ताओं के बल पर चलने वाली पार्टी है और कार्यकर्ता 24 बाय 7 लोगों की समस्या सुलझाने के लिए तैयार रहते हैं। विकास की दृष्टि से प्रभाग-1 अंतर्गत आने वाली तमाम बस्तियों में पानी, सीवरेज, स्ट्राम वाटर ड्रेनेज, सड़कों जैसी मूलभूत सुविधा मुहैया कराने पर जोर दिया गया।
50 प्रतिशत से अधिक हिस्सों में मूलभूत सुविधाएं चाक-चौबंद हो चुकी है। भाजपा के पूर्व पार्षदों ने प्रभाग में 400 करोड़ तक के काम किए जाने का दावा भी किया जिसमें राज्य सरकार ने भी विकास के लिए निधि मिलने की जानकारी दी।
एक ओर भले ही सत्तापक्ष के पार्षद प्रभाग का विकास करने का दावा कर रहे हों वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने उनके तमाम दावों की पोल खोली दी। पूर्व पार्षद वीरेन्द्र कुकरेजा के प्रतिद्वंद्वी रहे सुरेश जग्यासी ने कहा कि प्रभाग की जनता ने विकास के लिए भाजपा को जनादेश दिया था किंतु पार्षद पूरे कार्यकाल गायब रहे। यही कारण है कि थोड़ी बारिश में प्रभाग के हर कोने में त्राहि-त्राहि मच जाती है।
पार्षद स्थायी समिति के सभापति रहे हैं जिनके पास मनपा की तिजोरी की चाबी भी रही किंतु इसका लाभ प्रभाग को नगण्य रहा। उन्होंने कहा कि इस प्रभाग में लगभग 150 से अधिक अविकसित लेआउट है। जहां मनपा निधि से विकास नहीं हो सकता है। ऐसे में पार्षदों को प्रन्यास से विकास संभव करना चाहिए था। किंतु इन अविकसित लेआउट में कोई विकास नहीं है। सड़कों का पूरी तरह से सत्यानाश हुआ है।
| जीतने वाले प्रत्याशी वोट्स | दूसरे नंबर के प्रत्याशी वोट्स |
|---|---|
| महेन्द्र धनविजय – 11,366 | सूरज आवले – 7,769 |
| सुषमा चौधरी – 12,021 | माधुरी सोनटक्के – 9,310 |
| प्रमिला मथरानी – 10,326 | मीना यादव – 7,306 |
| वीरेन्द्र कुकरेजा – 10,715 | सुरेश जग्यासी – 7,647 |
भाजपा :- सुनीता महल्ले, डॉ. कुंगवानी, माधुरी सोनटक्के, आशा गुप्ता, अविनाश धमगाए, रमेश वानखेडे, विशाल साखरे।
कांग्रेस :- सुरेश जग्यासी, शालिनी धोटे, बेबी गौरकर, महेन्द्र बोरकर, सूरज आवले, मीना यादव, सुधीर जाम्भुलकर।
बसपा :- कविता लांडगे, राजेश नंदेश्वर, अजय उके, जयेश गेडाम, राजेन्द्र दरवाड़े।
कुल जनसंख्या 69,790
अनुसूचित जाति 21,823
अनुसूचित जनजाति 1,520
बीसीसी 25,000
सिंधी समाज 16,000
1-अ अनुसूचित जाति (साधारण)
1-ब ओबीसी (महिला)
1-क सर्वसाधारण (महिला)
1-ड सर्वसाधारण (पुरुष)
जानकारों की मानें तो प्रभाग-1 सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां पर सर्वाधिक अविकसित लेआउट हैं। कुछ वर्षों पूर्व यहां पर गरीब वर्ग के लिए एलआईजी और एमआईजी के फ्लैट्स तैयार किए गए थे। 40 वर्ष पूर्व बने इन फ्लैट्स की हालत जर्जर हो चुकी है। कुछ लेआउट काफी पुराने हैं जहां पर सीवरेज का नेटवर्क ही नहीं है।
इसी तरह से एक लेआउट का सीवरेज नेटवर्क दूसरे लेआउट से जुड़ा हुआ नहीं है। ऐसे में लोगों को आज भी सेप्टिक टैंक के भरोसे रहना पड़ता है। एनआईटी ने कुछ लेआउट मनपा को हस्तांतरित किए किंतु अधूरे विकास के साथ लेआउट हस्तांतरित होने के कारण यहां विकास आगे नहीं बड़ पाया।
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इसी तरह से गार्डन का रखरखाव नहीं हो पाया। कुछ हिस्सों से नाग नदी की सुरक्षा दीवार ढह गई है। बारिश के दौरान कई बार घटनाएं भी हुई। किंतु इस भयावह स्थिति को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार प्रभाग-1 में इस चुनाव में कुछ समीकरण बदलने की संभावना है। हाल ही में भाजपा में जरीपटका के वरिष्ठ नेता रहे दौलत कुंकवानी की बहु का प्रवेश हुआ है। इसी तरह से मिलिंद सोनटक्के ने भी पार्टी प्रवेश किया था। जानकारों की मानें तो इस तरह के प्रवेश निश्चित ही यदि चुनाव के दौरान हो रहे है तो उन्हें टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
इसी तरह से लंबे समय से टिकट से वंचित रहे कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने भी ताल ठोक रखी है। इसी तरह से कांग्रेस में भी टिकट का हेरफेर होने की प्रबल संभावना है। वर्ष 2017 के चुनाव में माधुरी सोनटक्के कांग्रेस से चुनाव लड़ चुकी है। उनकी सीट खाली होने से यहां महिला कार्यकर्ताओं की दावेदारी होगी। जानकारों की मानें तो पूर्व पार्षद सुरेश जग्यासी को छोड़कर कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी बदलने की संभावना जताई जा रही है।