प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Corporation Election: उत्तर नागपुर का प्रभाग क्रमांक 2 आगामी महानगर पालिका चुनावों की जंग के लिए तैयार है, जहां किसी समय बहुजन समाज पार्टी का प्रभाव था, लेकिन पिछली बार इस प्रभाग की सभी चारों सीटें कांग्रेस के पास थीं। यही कारण है कि अब इस जीत को बरकरार रखने की चुनौती कांग्रेस पर है।
यदि इन पूर्व पार्षदों के दावों को देखा जाए, तो प्रभाग में सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, लाइब्रेरी, शिक्षा, स्कूल, श्मशान घाट, नदी की सुरक्षा दीवार, कुछ पुल आदि के अलावा पूरे क्षेत्र में सीमेंट रोड का नेटवर्क तैयार किया गया है।
कांग्रेस के पार्षद रहे मनोज सांगोले, भावना लोणारे, दिनेश यादव और नेहा निकोसे ने कहा कि प्रभाग क्रमांक 2 में दो तिहाई हिस्सा प्रन्यास के अधिकार क्षेत्र में अविकसित लेआउट की तर्ज पर है। इसके बावजूद प्रभाग में लोगों की मूलभूत समस्याओं को हल करने में काफी हद तक सफलता हासिल हुई है।
भले ही नागपुर महानगरपालिका की निधि कम मिली हो, किंतु क्षेत्र के विधायक नितिन राऊत की ओर से मिली निधि के चलते काफी विकास कार्य करना संभव हो सका है।
एक ओर जहां कांग्रेस के चारों पूर्व पार्षद प्रभाग में स्थिति को अच्छी बता रहे हैं वहीं विपक्षी दल विशेष रूप से बसपा और भाजपा की ओर से निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे प्रत्याशियों ने इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगने का दावा किया।
विपक्षी दलों के इच्छुकों की मानें तो कई लेआउट हैं, जहां पर अभी भी विकास करना बाकी है। काफी हिस्सा नजूल का होने के कारण सरकार की ओर से पट्टे वितरण में पहल होनी चाहिए थी। केवल रमाई घरकुल योजना आदि का लाभ दिलाने से लोगों को राहत नहीं मिल सकेगी। प्रतिद्वंद्वियों का मानना है कि इस बार चित्र अलग होगा। यहां तक कि प्रत्याशी भी बदलेंगे जिससे पुराने समीकरण काम नहीं आ सकेंगे।
| वर्ष 2017 | जीतने वाले प्रत्याशी | वोट मिले | दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी | वोट मिले |
|---|---|---|---|---|
| 2017 | भावना लोणारे (कांग्रेस) | 11,448 | अर्चना शेंडे (बसपा) | 7,412 |
| 2017 | दिनेश यादव (कांग्रेस) | 9,928 | मंगेश ठाकरे (बसपा) | 7,647 |
| 2017 | नेहा निकोसे (कांग्रेस) | 10,013 | रिना सालवे (बसपा) | 8,139 |
| 2017 | मनोज सांगोले (कांग्रेस) | 13,137 | गौतम पाटिल (बसपा) | 5,515 |
कांग्रेस :- भावना लोणारे, स्नेहा निकोसे, दिनेश यादव, मनोज सांगोले, गौतमी नारनवरे, सतीश पाली, तुषार नंदेश्वर
बसपा :- बालकृष्ण आवारी, प्रीति बोदेले, गौतम पाटिल, उमेश मेश्राम, मंगेश ठाकरे,
भाजपा :- सरीता माने, राजा पंचारिया, दिलीप गौर, अनिकेत येरखेडे, सुरेन्द्र यादव, नरूला मोहिले, श्रद्धा नंदेश्वर, रंजना रंगारी, कमलेश चकोले, पंकज यादव
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राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा की ओर से परिवारों में टिकट देने का सिलसिला शुरू हो गया है। किसी समय कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली पार्टी अब स्वयं इसी राह पर निकल पड़ी है।
प्रभाग 2 में उत्तर नागपुर के पूर्व विधायक मिलिंद माने की पत्नी को उतारने की कवायद की जा रही है। यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है, तो कार्यकर्ताओं में नाराजगी होगी। ऐसे में किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दिया जाना चाहिए।
भाजपा के ही कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि पिछली बार जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया गया था उन्हें अब बदलकर नया समीकरण बनाना चाहिए। पहले से ही यह प्रभाग भाजपा के लिए आसान नहीं है। ऐसे में रणनीति बनाकर चुनाव लड़ने से पार्टी टक्कर में आ सकेगी।
लोगों का मानना है कि प्रभाग 2 में कई अविकसित लेआउट हैं। भले ही 4 वर्षों तक कोई पार्षद नहीं रहा हो, लेकिन जनता किसके भरोसे रहे, यही सवाल है। अधिकांश हिस्सा प्रन्यास के अंतर्गत आने के कारण आवश्यकता अनुसार विकास निधि नहीं मिलने का कारण दिया जाता है।
हालांकि पानी, सीवरेज और सड़कों की स्थिति तो सुधरी है किंतु दूसरे प्रभागों की तुलना में अधिक विकास संभव है। मालकी पट्टों का मसला हल किया जा सकता है। अधिकांश जमीन प्रन्यास की है। ऐसे में प्रन्यास के मालकी की जमीन के पट्टे वितरण पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह प्रभाग समस्याओं से घिरा हुआ है। खासकर गटर (नाली) की समस्या बड़ी है। एनआईटी ने कामगारनगर, समर्थनगर, सहयोगनगर, अंगुलीमालनगर सहित कई बस्तियों में नियमितीकरण के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति से 3,000 रुपये वसूल किए, किंतु आगे की प्रक्रिया ही नहीं की।
जमीन का नापजोख ही नहीं किया जा सका। भदंत आनंद कौसल्यानगर, पीली नदी बस्ती और तक्षशिलानगर जैसी बस्तियां और अनधिकृत लेआउट अभी भी विकास की राह देख रहे हैं।