सोना चमका (डिजाइन फोटो)
Gold Performance vs Equity: सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में सोने की चमक बरकरार है और इस वर्ष बाजार में इसने अब तक लगभग 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। कारोबारियों का कहना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां और रुपये–डॉलर की दर लगभग समान बनी रहती है या रुपया कमजोर होता है तो 2026 में सोने की कीमत 5% से 16% प्रति 10 ग्राम और चढ़ सकती है।
उनका यह भी कहना है कि चूंकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब हैं, इसलिए अनुशासित और सोच-विचार कर निवेश करना जरूरी है। इस वर्ष 1 जनवरी को बाजार में सोने की कीमत 77,100 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो बीते शुक्रवार, 5 दिसंबर को 1,28,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। चालू वर्ष में सोने ने असाधारण रूप से मजबूत रिटर्न दिया है।
कारोबारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें इस साल अब तक लगभग 60 प्रतिशत तक चढ़ चुकी हैं। इसका मुख्य कारण सुरक्षित निवेश की मांग, भू-राजनीतिक तनाव और दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर घटाने की उम्मीद है। वहीं देश में रिटर्न इससे भी ज्यादा है।
कुल मिलाकर 2025 में सोने ने अधिकांश निवेश उत्पादों (इक्विटी शेयर और बॉन्ड) की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है और साबित किया है कि अनिश्चितता और अस्थिर समय में यह सबसे भरोसेमंद साधन है। अगर इक्विटी शेयर पर रिटर्न देखा जाए तो निफ्टी 50 टीआरआई (कुल रिटर्न सूचकांक) और निफ्टी 500 टीआरआई ने 3 दिसंबर तक क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 5.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
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