डॉक्टर्स का मूक प्रदर्शन (सौजन्य-नवभारत)
Woman Doctor Suicide Protest: फलटन में महिला डॉक्टर की आत्महत्या के बाद से सेंट्रल मार्ड का गुस्सा भड़का हुआ है। मामले की एसआईटी के माध्यम से जांच सहित अन्य मांगों को लेकर मार्ड की ओर से आंदोलन जारी है। गुरुवार को मार्ड द्वारा मेडिकल की ओपीडी के सामने काली फीत लगाकर मूक आंदोलन किया गया।
अब 3 नवंबर से राज्यव्यापी बंद का निर्णय लिया गया है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़नी तय है। संगठन का कहना है कि उनकी आवाज को दबाया जा रहा है जबकि महिला डॉक्टर की आत्महत्या का मामला बेहद गंभीर है। इससे समूचे सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गये हैं। चिकित्सा सेवा में सुरक्षा, न्याय और सम्मान की मांग को लेकर किये गये आंदोलन में सभी निवासी डॉक्टरों ने हिस्सा लिया।
सेंट्रल मार्ड के महासचिव डॉ. सुयश धावणे ने बताया कि इस पूरे मामले में महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी उचित नहीं है। ऐसा बयान जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए संवैधानिक पद पर आसीन एक महिला द्वारा दिया गया बेहद निराशाजनक, अपमानजनक और अशोभनीय है।
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इस पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में विविध मांगें की गई हैं। इसमें त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय करना, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रणालीगत सुधार करना, मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल गरिमा बनाए रखना, संतप्त परिवार की सहायता के तौर पर न्यूनतम 25 करोड़ रुपये का मुआवजा देना, परिवार के एक पात्र सदस्य को रोजगार देने आदि मांगें की गई हैं। 3 नवंबर को राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी और वार्ड सेवा बंद रखी जाएगी जबकि केवल इमरजेंसी और आईसीयू सेवा ही दी जाएगी।