महाराष्ट्र सरकार मंत्री नितेश राणे व AIMIM नेता इम्तियाज जलील (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। एआईएमआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे को जानबूझकर भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करने की छूट दी जा रही है। जलील का कहना है कि राणे ने सार्वजनिक मंच से मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को पीटने की धमकी दी थी। बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जलील ने कहा कि यदि यही बयान किसी और ने दिया होता तो तत्काल मामला दर्ज कर गिरफ्तारी हो जाती।
जलील ने यह बयान एक मराठी चैनल के कार्यक्रम ‘माझा महाराष्ट्र माझा विजन’ में दिया, जहां उन्होंने महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कुछ नेताओं को जानबूझकर भड़काऊ भाषण देने की जिम्मेदारी दी है ताकि माहौल बिगाड़ा जा सके। जलील ने यह भी कहा कि नागपुर हिंसा के कुछ आरोपी सरकार के संरक्षण में हैं।
जलील ने महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कभी सोचा नहीं था कि वे इतने मजबूत होंगे। लेकिन अब सत्ता में आने के बाद वे उन नेताओं को संरक्षण दे रहे हैं, जो समाज में नफरत फैला रहे हैं।
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इम्तियाज जलील ने दावा किया कि मराठा आरक्षण का मुद्दा अब पूरी तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय यह बड़ा मुद्दा था, लेकिन अब सरकार इस पर कोई गंभीर कदम नहीं उठा रही है। फिलहाल, यह मामला राज्य की राजनीति में गर्माया हुआ है और विपक्ष लगातार सरकार से जवाब मांग रहा है। आपको बता दें AIMIM के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे को जानबूझकर भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करने की छूट दी जा रही है। जलील का कहना है कि राणे ने सार्वजनिक मंच से मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को पीटने की धमकी दी थी।