मुंबई कोस्टल रोड (pic credit; social media)
Airport BKC MMRDA Tunnel Project: मुंबई की सड़कें अब सिर्फ जाम और हॉर्न की पहचान नहीं रहेंगी, बल्कि जल्द ही शहर के नीचे से गुजरने वाली इंटीग्रेटेड टनल रोड सिस्टम से सफर नई रफ्तार पकड़ने वाला है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने एक ऐसी भूमिगत सुरंग परियोजना पर काम शुरू किया है जो कोस्टल रोड के अंतिम छोर से बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) और वहां से सीधे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (T2) को जोड़ेगी।
यह परियोजना मुंबई की सबसे बड़ी शहरी कनेक्टिविटी योजनाओं में से एक मानी जा रही है। इसका मकसद दक्षिण मुंबई, बीकेसी और एयरपोर्ट के बीच सिग्नल-फ्री, निर्बाध और तेज सफर सुनिश्चित करना है। एमएमआरडीए ने इसके लिए एक अनुभवी सलाहकार संस्था नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो परियोजना की टेक्निकल-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगी।
सलाहकार संस्था को 7 महीनों में पूरा अध्ययन करना होगा जिसमें इंजीनियरिंग डिजाइन, पर्यावरणीय मूल्यांकन, निर्माण तकनीक, लागत का आकलन और वित्तीय व्यवहार्यता शामिल होगी। यह सुरंग टनल बोरिंग मशीन (TBM) तकनीक से बनाई जाएगी जिसमें वेंटिलेशन, सुरक्षा सिस्टम, ट्रैफिक नियोजन और मौजूदा ढांचों का इंटीग्रेशन किया जाएगा।
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एमएमआरडीए अधिकारियों का कहना है कि इस सुरंग से बीकेसी और एयरपोर्ट के बीच यात्रा समय आधा हो जाएगा। कोस्टल रोड से सीधे बीकेसी और फिर एयरपोर्ट पहुंचने का सपना अब हकीकत बनने की ओर है। इससे न सिर्फ ट्रैफिक का दबाव घटेगा, बल्कि दक्षिण मुंबई से उपनगरों की आवाजाही भी आसान होगी।
यह परियोजना मुंबई को विश्वस्तरीय नगरीय ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। फिलहाल, एमएमआरडीए ठाणे-बोरीवली (11.85 किमी, ₹18,838 करोड़) और ऑरेंज गेट-मरीन ड्राइव (9.23 किमी, ₹9,158 करोड़) सुरंग परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
इधर बीएमसी ने भी अपनी मल्टी-मॉडल टनल कनेक्टिविटी परियोजना के लिए अम्बर्ग इंजीनियरिंग और मेनहार्ड इंडिया की बोलियां प्राप्त की हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि एमएमआरडीए और बीएमसी की यह संयुक्त पहल आने वाले वर्षों में मुंबई को देश का सबसे बड़ा भूमिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क दे सकती है। मुंबई की धरती के नीचे अब विकास की नई राह खुदाई जा रही है और यह राह शहर की रफ्तार को आसमान तक ले जाएगी।