हर्षवर्धन सपकाल
Mumbai News: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने रविवार को केंद्र सरकार पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दो दशक पहले लागू किए गए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम को सुनियोजित तरीके से कमजोर करने और उसे शक्तिहीन बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीआई अधिनियम ने शुरुआत में नागरिकों को सशक्त बनाया और भ्रष्टाचार को उजागर किया लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संशोधनों और प्रशासनिक उपेक्षा के जरिए इसे कमजोर कर दिया।
सपकाल ने आरटीआई अधिनियम की 20वीं वर्षगांठ पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “सूचना आयुक्तों के पद खाली रखकर, गोपनीयता के नाम पर सार्वजनिक डेटा साझा करने से इनकार करना और भारतीय रिजर्व बैंक व निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं को आरटीआई के दायरे से बाहर रखकर, मोदी सरकार ने इस कानून को शक्तिहीन बना दिया है।” उन्होंने सरकार पर नोटबंदी और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया, जिसमें मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं।
सपकाल ने कहा कि कांग्रेस इस अधिनियम को मजबूत करने और लोगों के सूचना के अधिकार को बहाल करने के लिए एक अभियान शुरू करेगी, जिसमें जन जागरूकता अभियान, कानूनी कार्यशालाएं और जरूरी सुधारों पर नागरिकों की प्रतिक्रिया एकत्र करना शामिल होगा। उन्होंने इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर ब्रिटिश काल की ‘फूट डालो और राज करो’ की रणनीति का इस्तेमाल कर ‘जानबूझकर समाज में जाति-आधारित विभाजन को बढ़ावा देने’ का आरोप लगाया।
सपकाल ने कहा, “उनकी (फडणवीस का) सोची-समझी राजनीतिक सोच नाथूराम गोडसे की मानसिकता की याद दिलाती है, हालांकि यह तुलना तरीकों की है, व्यक्तियों की नहीं।” उन्होंने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकातों पर कोई आपत्ति नहीं है।
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उद्धव ठाकरे, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के प्रमुख हैं। राज ठाकरे ने रविवार को उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आवास ‘मातोश्री’ में उनसे मुलाकात की थी, जिसके बाद सपकाल की यह प्रतिक्रिया आई है। राज और उद्धव के बीच एक हफ्ते में यह दूसरी मुलाकात थी। कांग्रेस नेता ने कहा, “हम विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं। गठबंधन पर निर्णय घटक दलों द्वारा सामूहिक रूप से लिए जाएंगे।”-एजेंसी इनपुट के साथ