मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में ठाणे जिले के शाहपुर इलाके में स्थित स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाने का मामला गुरुवार को विधानसभा में भी गूंंजा। कांग्रेस के नाना पटोले ने सदन में यह मामला उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने इस मामले में प्रधानाचार्य और एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है।
ठाणे जिले के शाहपुर इलाके में स्थित स्कूल के शौचालय में खून के धब्बे देखे जाने के बाद यह पता लगाने के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है या नहीं। इस घटना से लड़कियों के अभिभावकों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने बुधवार को स्कूल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया तथा घटना में शामिल प्रबंधन और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक स्कूल में छात्राओं के मासिक धर्म की जांच के लिए कथित तौर पर उनके कपड़े उतरवाने के मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंत्री गिरीश महाजन ने विधानसभा को बताया कि मुख्यमंत्री ने ठाणे जिले के एक निजी स्कूल में हुई इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस के नाना पटोले ने निचले सदन में यह मामला उठाया और चिंता व्यक्त की कि महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में भी ऐसी घटना हो सकती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मामले में शामिल स्कूल की प्रधानाचार्य स्वयं एक महिला हैं।
मंत्री गिरीश महाजन ने सदन को आश्वासन दिया कि घटना की जांच की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस मामले में पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड़ ने भी मांग की कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और पानी जैसी सुविधाएं जरूरी हैं।
शाहपुर पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को स्कूल की प्रधानाचार्य और एक महिला परिचारिका को गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने यह पता लगाने के लिए कक्षा पांच से 10 तक की लड़कियों के कपड़े उतरवाकर जांच की कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है या नहीं।
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पुलिस ने बताया कि 8 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 और धारा 76 तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।