प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Economic Crimes On The Rise In India: भारत के महानगरों में तेजी से बढ़ते आर्थिक अपराध अब एक गंभीर चिंता के रूप मे उभर रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2018 में 31,501 मामलों की तुलना में 2023 में 30।9% की वृद्धि के साथ 41,220 मामले हो गए हैं। अधिकांशा अपराधों में 1-10 लाख रुपये के बीच का नुकसान शामिल था। हालांकि इस कड़ी मे करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी असामान्य नहीं थी।
2023 में शहरों में अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 36.1 रही। लगभग 10 में से 9 मामले ठगी, जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़े हैं। एक दूसरा पहलू यह भी है कि भले हाल के वर्षों में मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन अदालती फैसलों के कारण लंबित मामलों में थोड़ कमी आई है।
2023 में औसतन प्रतिदिन 113 आर्थिक अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2018 में यह संख्या 86 थी। आंकड़ों के अनुसार, लगभग हर पांच में से एक आर्थिक अपराध शहरों से रिपोर्ट हुआ। 2023 में शहरी अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 36.1 रही।
वर्ष | महानगरों में मामले | देशभर में कुल मामले |
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2018 | 31,501 | 1,56,268 |
2019 | 33,979 | 1,65,693 |
2020 | 26,970 | 1,45,754 |
2021 | 35,185 | 1,74,013 |
2022 | 40,760 | 1,93,385 |
2023 | 41,220 | 2,04,973 |
आर्थिक अपराधों की श्रेणी में सर्वाधिक मामले ठगी, जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़े रहे। वर्ष 2018 में जहां ऐसे 27,903 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 36,426 तक पहुंच गई। इसके अलावा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन के 4,673 और जालसाजी के 121 मामले दर्ज किए गए।
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नुकसान की राशि (रुपए में) | मामलों की संख्या |
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1 लाख से भी कम | 6,468 |
1 से 10 लाख | 11,583 |
10 से 50 लाख | 4,748 |
50 लाख से 1 करोड़ | 1,531 |
1 से 10 करोड़ | 1,061 |
10 से 25 करोड़ | 275 |
25 से 50 करोड़ | 40 |
50 से 100 करोड़ | 21 |
100 करोड़ से ऊपर | 17 |
महानगरों में मुंबई सबसे ऊपर रही, जहां 2018 में 4,803 की तुलना में 2023 में 6,476 आर्थिक अपराध दर्ज किए गए। इसके बाद हैदराबाद (5,728) और जयपुर (5,304) का स्थान रहा।