वर्षा गायकवाड़ व रमेश चेन्निथला (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महानगरपालिका चुनाव की पृष्ठभूमि में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जोरदार झटका दिया। चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में शनिवार को घोषित की गई वर्षा की समिति को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को रद्द कर दिया है। शीर्ष नेतृत्व से मिले झटके के बाद वर्षा ने क्षति नियंत्रण के मकसद से 12 और लोगों की विस्तारित सूची जारी कर दी, जिसमें पार्टी के उन वरिष्ठों को शामिल किया गया है, जिनकी पहली सूची में अनदेखी की गई थी।
मुंबई मनपा सहित महाराष्ट्र के अन्य स्थानीय निकायों के निकट भविष्य में होने वाले चुनावों की पार्श्वभूमि में सोमवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चेन्नीथला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात, सांसद चंद्रकांत हंडोरे, पूर्व मंत्री नसीम खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, सांसद व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़, सांसद प्रणीति शिंदे, विधायक अमीन पटेल, असलम शेख सहित कई अन्य नेता व पदाधिकारी मौजूद रहे।
शनिवार को सूची जारी होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आक्रोश व्यक्त किया था। सूत्रों का कहना है कि कुछ नेताओं ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्नीथला से सीधे सवाल पूछ लिया था कि क्या यह समिति मुंबई में कांग्रेस को पूरी तरह से खत्म करने के लिए बनाई गई हैं?
नेताओं ने याद दिलाया कि शनिवार को ही बीजेपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी एक सूची जारी की थी, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मंत्री आशीष शेलार, मंगलप्रभात लोढ़ा, सहित सभी विधायकों एवं बीजेपी के प्रभावशाली लोगों को शामिल किया गया था।
दूसरी तरफ वर्षा ने ‘दादागिरी’ दिखाते हुए पार्टी के वरिष्ठों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया था। एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हममें से कई लोग पार्टी के भूतपूर्व वरिष्ठ नेता मुरली देवड़ा के समय से पार्टी से जुड़े हैं। हम सभी ने भूतपूर्व अध्यक्ष गुरुदास कामत के साथ काम किया था।
हम संजय निरुपम, प्राध्यापक चांदुरकर, भाई जगताप की अध्यक्षता में पार्टी का काम कर चुके हैं लेकिन पार्टी में वरिष्ठों की ऐसी अपेक्षा पहले कभी नहीं हुई थी। बल्कि वर्षा ने समिति में ज्यादातर ऐसे लोगों को मौका दिया है, जो कम अनुभवी हैं और खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जो समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए हैं। एक सदस्य उप मुख्मंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से कांग्रेस में आया है।
सूत्रों का कहना है कि सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह खुलासा हुआ कि वर्षा ने सूची जारी करने से पहले पार्टी आलाकमान से मंजूरी नहीं ली थी। जबकि कांग्रेस की परंपरा के अनुसार, सूची चेन्नीथला के माध्यम से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास जानी चाहिए थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे से पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के जरिए मीडिया में भेजी जानी थी। लेकिन वर्षा ने सीधे सूची जारी कर दी थी। इसलिए चेन्नीथला ने सूची को तत्काल स्थगित कर दिया था। सोमवार को महाराष्ट्र के नेताओं से चर्चा के बाद उन्होंने सूची को निरस्त कर दिया।
सोमवार की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि यदि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आते हैं तो कांग्रेस मुंबई मनपा का चुनाव अपने दम पर या फिर शरद पवार की राकां के साथ मिल कर लड़ने पर विचार कर सकती है।
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बैठक में कांग्रेस के महाराष्ट्र के नेताओं ने राज की अतीत की उत्तर भारतीय एवं मस्जिदों के भोंगे भूमिकाओं को लेकर महाविकास आघाड़ी में उनके शामिल होने पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद चेन्नीथला ने कहा कि राज के प्रांत वाद और किसी मजहब के खिलाफ वाली भूमिका कांग्रेस को स्वीकार नहीं है। 7 जुलाई को मुंबई में कांग्रेस की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।