मुंबई: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जौनपुर (Jaunpur) के इंटर स्टेट गैंगस्टर बिपिन कुमार राजेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ (मोनू) और उसकी टोली के आठ अंतरराज्यीय डकैतों पर शिकंजा कसते हुए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत कार्रवाई की है। जिन डकैतों के खिलाफ मकोका (MCOCA) के तहत कार्रवाई हुई है उनमे से पांच लूटेरे जौनपुर के रहने वाले हैं. मोनू ने मुंबई (Mumbai) में डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए मुंबई और आसपास के शहरों के 4 लोगों की मदद ली थी। इसी वर्ष फरवरी माह में इन अंतरराज्यीय डकैतों ने मुलुंड (Mulund) स्थित अंगड़ियां व्यापारियों की वी. पी. एंटरप्राइजेज के ऑफिस में घुसकर दिन दिहाड़े बंदूक की नोक पर 70 लाखों रुपए की डकैती फरार हो गए थे।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इनके पास से कुल 37 लाख रुपए नकद, दो रिवाल्वर ,दो देशी पिस्टल और 27 राउंड और दो पिस्टल की मैगजीन बरामद की थी। इसके अलावा इनके पास से अपराध में इस्तेमाल किए जाने वाले करीब तीन वाहन भी ज़ब्त किया था. फ़िलहाल यह आरोपी अभी मकोका पुलिस कस्टडी में है और जांच चल रही है।
जॉइंट पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटील के नेतृत्व और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ईस्ट-रीजन) संजय दराडे के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम ने पुलिस की 9 टीम का गठन कर महज 48 घंटों के भीतर सभी आरोपियों को तीन प्रमुख राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की एसटीएफ की मदद से गिरफ्तार किया था। इस केस की जांच सहायक पुलिस आयुक्त (भांडुप-डिवीजन) सुरेखा कपिले कर रही है। फ़िलहाल यह आरोपी अभी मकोका पुलिस कस्टडी में है और जांच चल रही है।
जौनपुर के बिपिन कुमार राजेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ (मोनू) (34),पर 5 केस दर्ज है जिनमे एक राजनेता सहित दो हत्या और गनपॉइंट पर लूट का मामला शामिल है। रत्नेश उर्फ गगन अनिल कुमार सिंह (25) और दिलीप सिंह (23) पर भी जौनपुर की रामपुरा पुलिस थाने में आपराधिक मामले दर्ज है। इसी तरह निलेश सर्वे (24), निलेश चव्हाण (32), मनोज कालन (32) और डोंबिवली के वसीउल्लाह चौधरी (43) और सन्नी राजभर के खिलाफ भी अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज है।
[blockquote content=”पुलिस और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की आँखों में धूल झोंकने के लिए यह लुटेरे बहरूपिया बन जाते है। वारदात के समय जो कपड़े पहनते हैं उसको वारदात के बाद तुरंत बदल देते थे। जिनके सर पर बाल नहीं होता था वो विग पहनकर वारदात को अंजाम देते थे और बाद में विग निकाल देते थे। इतना ही नहीं कुछ आरोपी वारदात के बाद खुद को टकला कर अपनी ढाढ़ी भी निकाल देते थे। जौनपुर की गैंग ने मुंबई के चार लोगों की मदद से दी थी वारदात को अंजाम, लेकिन वारदात में इस्तेमाल कार के नंबर से मिले सुराग ने इस केस को हल कर दिया। ” pic=”” name=”-संजय दराडे, अपर पुलिस आयुक्त, मुंबई”]