नासिक : महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लग सकता है, ऐसा दावा विधायक रोहित पवार (MLA Rohit Pawar) ने किया है। रोहित ने अंदेशा जताया कि आने वाले कुछ महीने में ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। उन्होंने कहा कि सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी (BJP) की ओर से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार अपने निहित स्वार्थों के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहती है।
पवार ने राज्य की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करते हुए कहा कि उप चुनाव में वोट बंटवारे के लिए निर्दलीय उतारे जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से मतदाताओं को पैसे बांटे जा रहे हैं, वे युवाओं से संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। जब रोहित पवार से यह पूछा गया कि राज्य में मध्यावधि चुनाव होंगे, तो इस पर रोहित पवार ने कहा कि मध्यावधि चुनाव तो हाल-फिलहाल में तो नहीं होंगे, लेकिन इस बात के प्रबल आसार हैं कि इस बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले कम सीटें मिलेंगी। औरंगाबाद नाम परिवर्तन के मुद्दे पर रोहित पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार की ओर से लिया गया यह फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लोगों की राय भी जाननी चाहिए और बिना राजनीति के सभी के साथ न्याय किया जाना चाहिए। विधायक रोहित पवार ने दावा किया है कि कुछ ही दिनों से यह बात सामने आ जाएगी कि बीजेपी ने उप चुनाव में कितनी धनराशि खर्च की है।
रोहित पवार ने कहा कि सुबह-सुबह शपथ लेने के बजाय नागरिकों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमदर्दी के लिए इमोशनल ब्लैकमेलिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र संबंधी जटिल प्रक्रिया को और सरल किया जाना चाहिए।