इम्तियाज जलील और संभाजीराजे (फोटो: सोशल मीडिया/पीटीआई)
कोल्हापुर. महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पथराव कर दिया और सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस संबंध में पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति समेत करीब 500 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जबकि, 21 को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इम्तियाज जलील ने संभाजीराजे की आलोचना की।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के इम्तियाज जलील ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य और कोल्हापुर राजघराने के वंशज संभाजीराजे छत्रपति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आप दिल्ली जा सकते थे क्योंकि मुसलमानों ने आपको वोट दिया था। हम आपका सम्मान करते थे लेकिन चूंकि आपने विशालगढ़ किले में हिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, इसलिए हमें आश्चर्य है कि क्या आप वास्तव में शाहू महाराज के वंशज हैं।”
जलील ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण रोधी अभियान में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और लोगों के घरों में तोड़फोड़ की गई और उपद्रवियों द्वारा वाहनों को जला दिया गया। उन्होंने सवाल किया, “क्या महाराष्ट्र में जंगल राज है?”
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे से आये कुछ दक्षिणपंथी समर्थकों को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के निचले हिस्से में रोके जाने के बाद हिंसा भड़क उठी। एक अधिकारी ने बताया, “कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किले में तैनात पुलिसकर्मी घायल हो गए, क्योंकि दक्षिणपंथी संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद उपद्रवियों ने पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। हमें आगजनी की सूचना मिली हैं।” अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने नेताओं समेत 500 से अधिक लोगों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि अन्य की तलाश जारी है।
हिंसा के बाद विपक्ष ने शिवसेना की अगुवाई वाली राज्य की महयुति सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या राज्य में “जंगल राज” है। राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि किले तक मार्च का नेतृत्व करने के लिए मराठा शाही परिवार के वंशज संभाजीराजे छत्रपति पर भी मामला दर्ज किया गया है। शिवसेना (यूबीटी) से जुड़े दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर में संवाददाताओं से कहा, “मैंने दो बार विशालगढ़ किले का दौरा किया और अतिक्रमण देखा। संभाजीराजे ने राज्य सरकार से केवल अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था, हालांकि, कार्रवाई करने के बजाय, उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया।” उन्होंने पूछा, “क्या सरकार इन अतिक्रमणों को बचा रही है?”
मामला दर्ज होने के बाद छत्रपति संभाजीराजे ने प्रशासन की आलोचना की। संभाजीराजे ने कहा कि विशालगढ़ की घटना के बाद पुलिस ने शिव भक्तों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। कुछ शिव भक्तों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। प्रशासन अपने गलत काम को छुपाने और अपनी गैर जिम्मेदारी को छुपाने के लिए जानबूझकर शिव भक्तों को निशाना बना रहा है। मैं सभी शिव भक्तों के साथ मजबूती से खड़ा हूं और मैं खुद शाहुवाड़ी पुलिस स्टेशन में पेश होने जा रहा हूं। सभी को धैर्य रखना चाहिए और कानून का सम्मान करना चाहिए। मैंने संसद भवन में छत्रपति शाहू महाराज की जयंती मनाने के लिए कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब तक इस स्थान पर कभी जयंती नहीं मनाई गयी। याशिन भटकर एक उग्रवादी है, वह विशालगढ़ के इसी इलाके में रहता है। इसके पीछे कौन है? सरकार को पहले ये सोचना चाहिए कि आप किस तरह की सरकार है, ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि विशालगढ़ किले का मराठा इतिहास में गहरा महत्व है क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज 1660 में पन्हाला किले में घेराबंदी के बाद यहां भागकर आए थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)